Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने बताया भगवत मार्ग और भगवत प्राप्ति में क्या अंतर है? आप भी जानें
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Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने बताया भगवत मार्ग और भगवत प्राप्ति में क्या अंतर है? आप भी जानें

Premanand Maharaj ke Pravachan: वृंदावन के रहने वाले प्रेमानंद महाराज. महाराज जी अपने विचारों से लोगों को अधयात्म से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इनके सत्संग में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं.

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज ने बताया भगवत मार्ग और भगवत प्राप्ति में क्या अंतर है? आप भी जानें

Premanand Maharaj Ji: हिन्दू धर्म में कई सारे साधु-संत ऐसे हैं जिनके अच्छे विचारों से लोगों का मार्गदर्शन होता है. इन्हीं में से एक हैं वृंदावन के रहने वाले प्रेमानंद महाराज. महाराज जी अपने विचारों से लोगों को अधयात्म से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. इनके सत्संग में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. सोशल मीडिया पर भी महाराज जी के विचारों की कई वीडियो वायरल होती रहती हैं जो लोगों को काफी पसंद भी आती हैं.

 

भगवत प्राप्ति और भगवत मार्ग में अंतर?
प्रेमानंद महाराज के सत्संग को सुनने के लिए तमाम बड़ी हस्तियां जैसे विराट कोहली, अनुष्का शर्मा भी पहुंच चुकी हैं. अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है जिसमें एक भक्त ने उनसे सवाल पूछा कि भगवत मार्ग और भगवत प्राप्ति में क्या अंतर है ? आइए जानते हैं इस पर प्रेमानंद जी ने क्या जवाब दिया. 

 

क्या होता है भगवत मार्ग?
भक्त के सवाल का जवाब देते हुए महाराज जी ने कहा कि सत्संग सुन रहे हैं, धाम की परिक्रमा कर रहे हैं, हरिद्वार जा रहे हैं, काशी जा रहे हैं ये सब भगवत मार्ग में आता है. यदि आप संतों के सत्संग को सुन कर उनके आचरण को उतारने की चेष्टा कर रहे हैं तो ये भी भगवत मार्ग है. आजकल का मनुष्य प्रभु से विमुख हो गया है. 

 

माया में फंस गया है मनुष्य
प्रेमानंद जी कहते हैं शरीर में राग होने के कारण सब लोग अपने आपको स्त्री, पुरुष मानकर भोग सामग्रियों, भोग क्रियाओं, भोग चिंतन में फंस गए हैं. किसी को भी याद नहीं है कि वे भगवान के अंश हैं. इंसान को मनुष्य देह इन भोगों से मुक्त होने के लिए मिला है. हर किसी का 30-40 साल अलग-अलग कामनाएं करते हुए बीत गया है. हर कोई सोचता है कि इतना कमा लेते, ऐसा कर लेते, वैसा कर लेते, ऐसा हो जाता. इन्ही सब तरह की कामनाओं में जीवन का अंतिम समय आ जाता है.

 

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कब होती है भगवत प्राप्ति?
इन सभी तरह की कामनाओं का नाम ही माया है. महाराज जी कहते हैं कि जब इंसान को नाम जप करते हुए भगवान का साक्षात्कार होगा तो भगवत प्राप्ति हो जाएगी. भगवत प्राप्ति होते ही सारे पाप, दुख, क्लेश खत्म हो जाएंगे.

 

यहां देखें वीडियो
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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