Ram Katha: सिर्फ 5 दिन में हो गया था 1000 किमी लंबे सेतु का निर्माण, जानें रामायण से जुड़े ऐसे ही रोचक तथ्य
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Ram Katha: सिर्फ 5 दिन में हो गया था 1000 किमी लंबे सेतु का निर्माण, जानें रामायण से जुड़े ऐसे ही रोचक तथ्य

Ramayana Facts: हिंदू धर्म में रामायाण का एक विशेष और पवित्र स्थान बना हुआ है. रामायण से जुड़े महाग्रंथ में मनुष्य के जीवन और उनसे जुड़े कर्मों का अलग अलग तरीके से उल्लेख किया गया है. प्रभु श्री राम के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक और अनसुनी कहानियां हैं जिनके बारे में लोग आज भी सोचने पर मजबूर हो जाते हैं.

 

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Ramayana 2024: हिंदू धर्म की सबसे पवित्र महाग्रंथ वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में सभी बातों का उल्लेख विस्तार में किया गया है. इसके अलावा इस महाग्रंथ में कई ऐसे रोचक तथ्यों के बारे में उल्लेख है जिसके बारे में शायद ही लोग जानते होंगे. आज इन्हीं रोचक घटनाओं और उनसे जुड़े तथ्यों के बारे में विस्तार में जानेंगे.

जानें राम-लक्ष्मण थे किसके अवतार

बता दें कि द्वापर युग के रामायण में प्रभु श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण किसी और के नहीं बल्कि बैंकुठ धाम के निवासी भगवान विष्णु और शेषनाग के ही अवतार थें.

राम सेतु को बनाने में लगा था कितना समय

14 वर्ष के वनवास के दौरान रावण छल से माता सीता को हरण कर लंका ले गए थे. जिसके बाद प्रभु श्री राम ने रावण से युद्ध करने के लिए अपनी एक सेना तैयार की थी. इस दौरान प्रभु श्री राम नल और नील के माध्यम से विश्व का पहला सेतु बनाया था, जो समुद्र के ऊपर था. इस सेतु को बनाने में कुल पांच दिन का समय लगा था. बता दें कि यह सेतु 100 योजन लंबा और 10 योजन चौड़ा था. दरअसल 1 योजन 13 किलोमिटर के बराबर माना जाता है.

प्रभु श्री राम को नहीं माना जाता पूर्ण

प्रभु श्री राम के अवतार को पूर्ण अवतार के रूप में नहीं माना जाता है. दरअसल श्री राम 14 कलाओं में पारंगत थे और वहीं भगवान श्री कृष्ण 16 कलाओं में पारंगत थे. ऐसा इसलिए क्योंकि रावण को कोई भगवान नहीं मार सकता था बल्कि उसका वध करने वाले कोई मनुष्य नहीं हो सकता था.

14 वर्ष के वनवास के दौरान नहीं सोए थे लक्ष्मण

बता दें कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान प्रभु श्री राम की परछाई माने जाने वाले लक्ष्मण पूरे 14 साल तक माता सीता और प्रभु श्री राम की रक्षा के लिए बिल्कुल सोए ही नहीं थे.

इंद्र देवता ने दिया था अपना रथ

बता दें कि राम रावण युद्ध के दौरान प्रभु श्री राम को इंद्र देव ने अपना रथ दिया था. इसी रथ पर बैठकर प्रभु श्री राम ने रावण से युद्ध किया जिसमें उन्हें विजय हासिल हुई.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

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