तिरुपति बालाजी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, एक दिन में आया 4 करोड़ से अधिक का चढ़ावा
Advertisement
trendingNow1566861

तिरुपति बालाजी मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, एक दिन में आया 4 करोड़ से अधिक का चढ़ावा

रविवार को यहां 84,004 भक्‍तों ने भगवान के दर्शन किए. मंदिर को चढ़ावे के रूप में कुल 4.13 करोड़ रुपये मिले. वहीं मंदिर में 33,878 श्रद्धालुओं ने मुंडन भी कराया.

बीते रविवार को 84,004 भक्‍तों ने बालाजी के दर्शन किए.

तिरुमालाः देश के सबसे धनवान मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी में रोजाना भक्तों की लंबी कतार देखी जा रही है. आंध्र प्रदेश के चित्‍तूर जिले में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं और बालाजी के दर्शन कर रहे हैं. बीते रविवार (25 अगस्त) को भी यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और भगवान के दर्शन किए. मिली जानकारी के मुताबिक बीते रविवार को यहां 84,004 भक्‍तों ने भगवान के दर्शन किए. मंदिर को चढ़ावे के रूप में कुल 4.13 करोड़ रुपये मिले. वहीं मंदिर में 33,878 श्रद्धालुओं ने मुंडन भी कराया.

आपको बता दें कि इन दिनों तिरुपति मंदिर में बड़ी संख्‍या में भक्त पहुंच रहे हैं, जिससे रोजाना ही श्रद्धालुओं को लंबी-लंबी लाइन में लगकर भगवान के दर्शन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. मंदिर में भक्तों की भीड़ से ऐसे हालात उत्पन्न हो गए हैं कि सर्वदर्शन का औसत समय 6 घंटे का हो गया है, मतलब भक्तों को बालाजी के दर्शन के लिए 6 घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. मंदिर में भक्तों की संख्या का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंदिर में दर्शन को जाने वाले सभी कंपार्टमेंट फुल हैं और भक्तों को क्यू कॉम्प्लेक्स के बाहर इंतजार करना पड़ रहा है.

देखें लाइव टीवी

आपको बता दें कि भगवान वेंकटेश्वर या बालाजी को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है. मान्यता है कि प्रभु विष्णु ने कुछ समय के लिए स्वामी पुष्करणी नामक तालाब के किनारे निवास किया था. गौरतलब है कि भगवान इस प्राचीन मंदिर में अमीर-गरीब से लेकर फिल्मी सितारे और बड़े-बड़े कारोबारी तक दर्शन के लिए पहुंचते हैं और बालाजी के दर्शन करते हैं. 

Janmashtami 2019 : मथुरा में प्रकट हुए कान्हा, VIDEO में देखें नंदगोपाल का अद्भुत दृश्य

दरअसल, इस मंदिर के प्रचलित होने के पीछे कई सारी किवदंतियां प्रचलित हैं, जिनमें से एक में कहा जाता है कि तिरुपति बालाजी यहां अपनी पत्नी पद्मावती के साथ रहते हैं. वहीं मंदिर में मौजूद एक छड़ी के बारे में कहा जाता है कि इस छड़ी से बालाजी की बाल रूप में पिटाई हुई थी. जिससे उनकी ठोड़ी पर चोट भी लगी थी, जिससे खून आने के चलते ही बालाजी को चंदन चढ़ाने की प्रथा शुरू हुई थी.

Trending news