Invasive Frog and Snake: दुनिया भर में रहने वाले कीड़े, जीव नुकसान पहुंचाते रहते हैं. इनसे लोगों को काफी आर्थिक नुकसान होता है. इसको लेकर हुए एक स्टडी में पाया गया कि दुनिया में सबसे ज्यादा नुकसान एक सांप और मेंढक ने पहुंचाया है.
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American Bullfrog and Brown Tree Snake: किसान हों या दुनिया में रहने वाला इंसान जानवरों और कीट-पतंगों से काफी परेशान रहता है. इनसे बचने के लिए कई तरह के उपाय भी करता है. इसके बावजूद जीव-जंतु इंसान का काफी नुकसान करते हैं. जीव-जंतुओं से इंसान को होने वाले नुकसान को लेकर वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी. आक्रामक कीटों से हुई आर्थिक क्षति का आकलन करने वाले वैज्ञानिकों ने पाया कि दो प्रजातियां किसी भी अन्य की तुलना में अधिक नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं.
फसलों को किया बर्बाद
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी बुलफ्रॉग और ब्राउन ट्री स्नेक ने सामूहिक रूप से 1986 से वैश्विक क्षति में 16.3 बिलियन डॉलर (करीब 13 खरब रुपये) का नुकसान किया है. इन जीवों ने जहां इकोलॉजिकल सिस्टम को नुकसान पहुंचाया. वहीं, कृषि फसलों को बर्बाद कर दिया है और बिजली सप्लाई को भी नुकसान पहुंचाया.
सांप से अकेले 10.3 बिलियन डॉलर का नुकसान
शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि उनके निष्कर्ष भविष्य में आक्रामक प्रजातियों को रोकने में मदद करने के लिए और अधिक निवेश को प्रोत्साहित करेंगे. साइंटिफिक रिपोर्ट्स में लिखते हुए वैज्ञानिकों ने ब्राउन ट्री स्नेक को कुल मिलाकर 10.3 बिलियन डॉलर के नुकसान के लिए अकेले जिम्मेदार ठहराया.
गुआम में पाए जाते हैं सबसे ज्यादा ये सांप
गुआम में इस सांप की विशाल आबादी बड़े पैमाने पर बिजली कटौती का कारण बनती है, क्योंकि वे बिजली के तारों पर फिसलते हैं और नुकसान का कारण बनते हैं. दो मिलियन से अधिक ये भूरे रंग के पेड़ में रहने वाले सांप छोटे इस प्रशांत द्वीप में पाए जाते हैं. एक अनुमान के अनुसार गुआम के जंगल में प्रति एकड़ 20 सांप पाए जाते हैं.
अमेरिका बुलफ्राग से लोग परेशान
वहीं, यूरोप में अमेरिकी बुलफ्रॉगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है. इन मेंढकों की लंबाई 30 सेमी (12 इंच) तक और वजन आधा किलो तक बढ़ सकता है. इन मेंढकों से परेशान लोगों को घर के आसपास महंगी मेंढक-प्रूफ बाड़ लगाने को मजबूर होना पड़ा है.
तालाबों को करना पड़ा बंद
वैज्ञानिकों के अनुसार, जर्मनी में अधिकारियों को 270,000 पाउंड की लागत से इन मेंढकों को रोकने के लिए सिर्फ पांच तालाबों को बंद करना पड़ा था. इन मेंढ़कों के बारे में कहा जाता है कि ये कुछ भी खा लेते हैं.
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