गौतम गंभीर को पूर्व कोच ने बताया सबसे 'असुरक्षित खिलाड़ी', मिला कुछ ऐसा जवाब
Advertisement

गौतम गंभीर को पूर्व कोच ने बताया सबसे 'असुरक्षित खिलाड़ी', मिला कुछ ऐसा जवाब

पूर्व मानसिक अनुकूलन कोच ने बताया कि कैसे यह बाएं  हाथ का सलामी बल्लेबाज शतक जड़ने के बावजूद भी दुखी रहता था और उसका जोर अपनी गलतियों पर लगा रहता था.

क्रिकेटर से राजनेता बने गौतम गंभीर चुनाव प्रचार के दौरान पूर्वी दिल्ली के यमुना खेल कॉम्प्लेक्स में बल्ले पर हाथ आजमाते हुए. (फोटो साभार: Twitter)

नई दिल्ली: पूर्व मानसिक अनुकूलन कोच पैडी अपटन (Paddy Upton) ने अपनी नयी किताब में गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को मानसिक रूप से असुरक्षित खिलाड़ी बताया, लेकिन साथ ही कहा कि इससे उन्हें भारत के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक में शुमार होने से नहीं रोका जा सकता. भारतीय टीम के पूर्व मानसिक कोच अपटन की किताब ‘द बेयरफुट कोच’ में शीर्ष खिलाड़ियों की मानसिक मजबूती के मिथक के बारे में चर्चा की है और साथ ही बताया कि वे परिस्थितियों के हिसाब से कैसे प्रतिक्रिया करते हैं.

अपटन ने अपनी किताब में लिखा, ‘‘मैंने गंभीर के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ काम किया लेकिन यह उन पर सबसे कम प्रभावी रहा जो 2009 में वर्ष के सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेटर थे. मैंने उनके साथ तब तक ही काम किया था लेकिन उनके दुनिया के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटर चुने जाने से मेरा कुछ भी लेना देना नहीं था. ’’

दुखी रहते थे
अपटन ने इसमें कहा कि कैसे यह बायें हाथ का सलामी बल्लेबाज शतक जड़ने के बावजूद भी दुखी रहता था और उसका जोर अपनी गलतियों पर लगा रहता था. उन्होंने लिखा, ‘‘जब वह 150 रन बनाता था तब भी वह निराश होता था कि उसने 200 रन क्यों नहीं बनाये.’’

गंभीर इससे आहत नहीं
पूर्व सलामी बल्लेबाज गंभीर इससे आहत नहीं है. राजनीति में उतरकर पूर्वी दिल्ली से चुनाव लड़ रहे गंभीर ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं खुद को और भारतीय टीम को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहता था. इसलिये मैं 100 रन बनाने के बाद भी संतुष्ट नहीं होता था जैसा कि पैडी की किताब में जिक्र किया गया है. मुझे इसमें कुछ भी गलत नहीं दिखता. ’’

‘नकारात्मक और निराशावादी’
अपटन ने लिखा कि चाहे उन्होंने और तब के कोच गैरी कर्स्टन ने गंभीर के साथ सब कुछ किया, लेकिन यह खिलाड़ी ‘नकारात्मक और निराशावादी’ था. हालांकि उन्होंने मानसिक मजबूती से जुड़े मिथक और विरोधाभासों को समझाते हुए कहा, ‘‘मानसिक मजबूती की धारणा के अंतर्गत मैंने जिन लोगों के साथ काम किया था उनमें वह सबसे कमजोर और मानसिक रूप से सबसे असुरक्षित लोगों में से एक था. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन साथ ही इसमें कोई शक नहीं कि वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ, सबसे दृढ़ और सफल टेस्ट बल्लेबाजों में से एक था. यही चीज उसने फिर से 2011 विश्व कप फाइनल में साबित की.’’ इसी अध्याय में अपटन ने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के ‘बेहतरीन भावनात्मक नियंत्रण’ की बात की.

(इनपुट-भाषा)

Trending news