केएल राहुल ने आईपीएल-12 में 12 मैचों में 520 रन बनाए हैं. उनसे ज्यादा रन सिर्फ एक बल्लेबाज बना सका है.
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नई दिल्ली: पंजाब के ओपनर केएल राहुल आईपीएल-12 (IPL-12) के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक हैं. उन्होंने 12 मैचों में 520 रन बनाए हैं. वे उन दो बल्लेबाजों में से एक हैं, जिन्होंने आईपीएल के मौजूदा सीजन में 500 से अधिक रन बनाए हैं. इस सबके बावजूद कई बार राहुल पर टीम की नाकामी के आरोप लगते हैं. टीम के कई प्रशंसक राहुल को स्वार्थी करार देने से भी नहीं चूकते. सोमवार को ही जब हैदराबाद ने पंजाब को हराया, तो एक बार फिर केएल राहुल (KL Rahul) निशाने पर रहे. ऐसा तब हुआ, जबकि उन्होंने अपनी टीम की ओर से सबसे अधिक रन बनाए थे.
दरअसल, केएल राहुल पर आरोप लग रहे हैं कि वे अपनी पूरी क्षमता से बैटिंग नहीं कर रहे हैं. उनके आलोचकों को कहना है कि वे धीमी बैटिंग कर रहे हैं और इससे उनके साथी बल्लेबाजों पर दबाव बन रहा है. अगर हम आईपीएल में बल्लेबाजी के आंकड़ों पर नजर डालें तो पहली नजर में आलोचक सही नजर आते हैं. यह सही है कि केएल राहुल ने खूब रन बनाए हैं. लेकिन उनका स्ट्राइक रेट आईपीएल-12 के टॉप-10 बल्लेबाजों में सबसे कम है. आलोचक इसी मसले पर उनकी खिंचाई कर रहे हैं.
तो क्या राहुल धीमी बैटिंग कर रहे हैं?
इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने का सबसे बेहतर तरीका यह है कि हम उनकी बैटिंग स्टाइल और रिकॉर्ड देखें. इसमें कोई शक नहीं कि राहुल भारत के उन चुनिंदा क्रिकेटरों में से एक हैं, जो क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे और टी20) में फिट हो सकते हैं और तेजी से रन बना सकते हैं. उनके पास हर तरह के शॉट्स हैं. अगर रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने पिछले साल ही पंजाब की ओर से ही 659 रन बनाए थे. तब उनका स्ट्राइक रेट 158.41 था. इस बार उनका स्ट्राइक रेट 131.64 है. यानी, यह सही है कि वे पिछले साल के मुकाबले धीमी बल्लेबाजी कर रहे हैं.
क्या राहुल की धीमी बैटिंग का कारण स्वार्थ है?
सोशल मीडिया में राहुल को धीमी बैटिंग के कारण स्वार्थी कहा गया. क्या राहुल स्वार्थ के कारण ऐसा कर रहे हैं. इसका जवाब है- नहीं. दरअसल, पिछले साल के मुकाबले इस बार पंजाब का मिडिल ऑर्डर कमजोर है. पिछले साल पंजाब के पास मिडिल ऑर्डर में ग्लेन मैक्सवेल, एरॉन फिंच, मार्कस स्टोइनिस, डेविड मिलर, युवराज सिंह, मयंक अग्रवाल जैसे खिलाड़ी थे. इस बार इनमें से सिर्फ मिलर और मयंक ही पंजाब के पास हैं. सरफराज खान, मंदीप सिंह और करुण नायर भी पंजाब की टीम में हैं. टीम में एक भी विश्वस्तरीय ऑलराउंडर नहीं है. हैदराबाद के खिलाफ सोमवार को तो कप्तान रविचंद्रन अश्विन छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए, जिससे पता चलता है कि टीम में ऑलराउंडर की कमी किस कदर है.
पंजाब के मिडिल ऑर्डर में गहराई नहीं
स्पष्ट है कि पंजाब की बैटिंग लाइनअप, खासकर मिडिल ऑर्डर में वह गहराई नहीं है, जो दबाव झेल सके. संभव है कि राहुल को इसी कारण तेज बल्लेबाजी की बजाय, ज्यादा ओवरों तक क्रीज पर टिकने को कहा गया हो. राहुल की सोमवार को हैदराबाद के खिलाफ बल्लेबाजी को देखकर भी यही लगता है. उन्होंने इस मैच में 56 गेंद पर 141.07 के स्ट्राइक रेट से 79 रन बनाए, जो ठीक-ठाक है. लेकिन पावरप्ले में वे 24 गेंद पर 26 रन ही बना सके. इसी तरह सातवें से 16वें ओवर तक 24 गेंद खेलकर 40 रन बनाए. इसके बाद 8 गेंद पर 13 रन बनाए. उन्होंने ऐसा इसलिए किया, ताकि वे देर तक क्रीज पर रह सकें और आखिर के ओवरों में तेज बल्लेबाजी करें. वे ऐसा नहीं कर सके, लेकिन इसे राहुल के इरादे से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. वे टीम प्रबंधन के मुताबिक ही खेल रहे हैं.
निगेटिव है पंजाब का रनरेट
पंजाब की टीम फिलहाल 12 मैचों में 10 अंक लेकर प्वाइंट टेबल में छठे नंबर पर है. वह अगर अपने बाकी दो मैच जीत ले तो प्लेऑफ की रेस में बनी रह सकती है. अब तक के खेल को देखकर लगता है कि प्लेऑफ की चौथी टीम के निर्णय में रनरेट की भी अहम भूमिका हो सकती है. पंजाब का नेट रनरेट (-0.296) काफी कम है. ऐसे में उसे इसका नुकसान हो सकता है.