भारत के इस खिलाड़ी को पाकिस्तान की मेजबानी पसंद, कहा- उससे खेलने में परेशानी नहीं
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भारत के इस खिलाड़ी को पाकिस्तान की मेजबानी पसंद, कहा- उससे खेलने में परेशानी नहीं

भारत को डेविस कप में अगला मुकाबला पाकिस्तान से खेलना है. इसके लिए भारतीय खिलाड़ियों को पाकिस्तान जाना है. 

टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना (बाएं से दूसरे) भारत के उन चुनिंदा खिलाड़ियों में हैं, जिन्होंने मिक्स्ड ग्रैंडस्लैम खिताब जीता है. (फोटो: Reuters)

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अक्सर खेलों पर भी असर डालता है. दोनों देशों ने इसी कारण कई सालों से क्रिकेट की सीरीज नहीं खेली है. लेकिन टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना को पाकिस्तान जाकर खेलने में कोई परेशानी नहीं है. भारत के इस सीनियर खिलाड़ी ने सोमवार को कहा कि वे सितंबर में डेविस कप मुकाबले के लिए पाकिस्तान जाने के लिए तैयार हैं. 

भारत और पाकिस्तान के रिश्ते इस समय अच्छे नहीं हैं. हाल ही में भारत ने शूटिंग वर्ल्ड कप की मेजबानी की थी. तब पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि भारत ने उसके निशानेबाजों को वीजा नहीं दिया था. ऐसी स्थिति में भारत का डेविस कप मैच के लिए पाकिस्तान जाना सवालों के घेरे में दिखाई पड़ता है. 

रोहन बोपन्ना ने सोमवार को इंडियन ऑयल के एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं डेविस कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर तैयार हूं. मैंने एहसान कुरैशी से बात की है और वो मेरे काफी अच्छे दोस्त हैं. मैं वहां कुछ दफा गया हूं और वहां की मेहमाननबाजी शानदार है. मुझे किसी तरह की कोई परेशानी नजर नहीं आती है.’

रोहन बोपन्ना ने माना कि भारत में टेनिस में सुधार के लिए और बेहतर खिलाड़ी निकालने के लिए मौजूदा प्रक्रिया को सुधार करने की और देश में ज्यादा से ज्यादा टूर्नामेंट कराने की जरूरत है. बोपन्ना ने कहा, ‘भारत ने कभी सिंगल्स में ग्रैंडस्लैम नहीं जीता है. इसके लिए पूरी प्रक्रिया पर ध्यान देने की जरूरत है. हमें सही तरह की सुविधाएं, समर्थन चाहिए. टेनिस काफी मुश्किल खेल है. इसलिए मुझे लगता है कि भारत में ज्यादा टेनिस टूर्नामेंट होने से भारत के खिलाड़ी बेहतर होंगे. अगर आप आखिरी के 15 साल देखें तो तकरीबन चार लोगों ने विंबलडन बार-बार जीता है. सिंगल्स में भारत की ओर से कोई ग्रैंडस्लैम जीते इसके लिए अभी काफी समय है.’

टेनिस में रविवार को नोवाक जोकोविच और रोजर फेडरर के बीच विंबलड़न का मुकाबला खेला गया था. यह मैच बेहद रोमांचक रहा और चार घंटे 57 मिनट तक चला जिसमें जोकोविच ने फेडरर को मात दी. इस मैच पर बोपन्ना ने कहा, ‘इस तरह का मैच देखना बेहतरीन अनुभव था. मुझे नहीं लगता कि इसमें कोई हारा. पांच घंटे तक टेनिस खेलना बेहतरीन था. फेडरर अपने 21वें ग्रैंडस्लैम से सिर्फ एक अंक की दूरी पर थे. 37 की उम्र में वो अभी तक यह कर सकते हैं. कल के मैच में वे जिस तरह से कोर्ट को कवर रहे थे वो शानदार था. नोवाक जोकोविच की भी तारीफ करनी होगी कि वह फेडरर के साथ इतनी देर तक खेलते रहे और फिर जीते.’

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