The Great Khali : गरीबी में बीता बचपन.. सड़क पर तोड़े पत्थर, फैंस के लिए यूं मिशाल बन गए 'द ग्रेट खली'
Advertisement
trendingNow12402763

The Great Khali : गरीबी में बीता बचपन.. सड़क पर तोड़े पत्थर, फैंस के लिए यूं मिशाल बन गए 'द ग्रेट खली'

WWE की दुनिया में भारत का नाम रोशन करने वाले द ग्रेट खली आज अपना 52वां जन्मदिवस मना रहे हैं. आइए  जानते हैं कैसे एक गरीब परिवार में जन्म लड़के ने मेहनत कर खुद को WWE चैंपियन बना दिया.

The Great Khali : गरीबी में बीता बचपन.. सड़क पर तोड़े पत्थर, फैंस के लिए यूं मिशाल बन गए 'द ग्रेट खली'

The Great Khali Birthday : एक साधारण से गांव का लड़का, जो अंग्रेजी में भी कमजोर था, जापान और अमेरिका की प्रोफेशनल कुश्ती की चमचमाती दुनिया का सितारा बन गया था. उस लड़के ने अंडरटेकर जैसे दिग्गज को हराया और वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट में हैवीवेट चैंपियन बनने का सपना भी साकार किया. ये कहानी है 'द ग्रेट खली' उर्फ जायंट सिंह उर्फ दलीप सिंह राणा की, जो 27 अगस्त को अपना 52वां बर्थडे मना रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश में हुआ जन्म

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गांव धिराइना में 1972 में पैदा हुए उस लड़के के पास तब सब कुछ बड़ा सामान्य और साधारण था. खास थी तो उसकी कद काठी. ऐसा शरीर जिसको लोग देखते तो हैरत में पड़ जाते. सात फुट एक इंच लंबा वह शरीर जो एक डिसऑर्डर के तौर पर इतना विशाल हुआ और बाद में यही कुदरत का वरदान भी साबित हुआ.

सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की

जब सात भाई-बहनों में एक खली ने अपने गरीब परिवार का गुजारा चलाने के लिए शिमला में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की, तो कई लोगों की नजर उन पर पड़ी. इनमें एक थे पंजाब पुलिस के पूर्व डीजीपी एमएस भुल्लर. यह 1993 का साल था जिसने 22 साल के दलीप राणा को द ग्रेट खली बनाने की नींव रख दी थी. भुल्लर ने राणा को पंजाब पुलिस में स्पोर्ट्स कोटा से कांस्टेबल की नौकरी दी.

कई खेलों में आजमाया हाथ

मजे की बात यह है कि खली का काया का एडवांटेज लेने के लिए उनको कई तरह के स्पोर्ट्स में आजमाया गया था, लेकिन वह लगभग सभी खेलों में फेल हो गए थे. लंबाई देखते हुए उन्हें बास्केटबॉल खिलाड़ी के तौर पर ढालने की कोशिश हुई, लेकिन नाकाम. शॉर्ट पुट थ्रो में कोशिश की तो कमर दर्द करने लगी. ऐसे में पंजाब पुलिस ने खली को बॉडीबिल्डिंग के लिए तैयार किया. जालंधर के जिम में खली ने अपने शरीर को तराशने का काम शुरू किया. 

1996 में WWE ट्रेनिंग शुरू हुई

भुल्लर ने खली की बॉडी और ताकत को देखते हुए उन्हें 1996 में यूएस भेज दिया. यहां WWE के रेसलरों के साथ खली की ट्रेनिंग हुई. फिर उन्होंने यहां से मुड़कर कभी वापस नहीं देखा. यहीं से उनके नाम की कहानी भी शुरू होती है. WWE से पहले खली ने जापान की प्रो रेसलिंग में हिस्सा लिया था. जापान में वह 'जायंट सिंह' के नाम से जाने जाते थे. लेकिन जब वह अमेरिका पहुंचे, तो उनका नाम 'द ग्रेट खली' हो गया. खली का 'काली मां' में विश्वास था और विदेशी लोगों ने उन्हें 'काली' से 'खली' कर दिया. तब से लेकर अब तक वह हमारे जेहन में खली के तौर पर बस चुके हैं.

पहले भारतीय पहलवान बने

2006 में, खली WWE द्वारा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने पहले भारतीय पहलवान बने थे. शिमला में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी से पहले खली पत्थर तोड़ने का काम करते थे. पत्थर तोड़ने से मजबूत हुए ये हाथ जब WWE पहलवानों के सिर के ऊपर पड़े तो उनकी हालत हो जाती थी. बटिस्टा जैसे धाकड़ WWE स्टार के सिर भी खली के हाथ की ग्रिप से नहीं बच पाए थे. इस तरह से पंजाब पुलिस में 5000 रुपए महीने पाने वाला कॉन्स्टेबल, एक दिन में इतने ही रुपए केवल अपनी डाइट पर खर्च कर देने वाला द ग्रेट खली बन गया था.

वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप जीती

WWE में उन्होंने 2008 में वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप जीती थी. अपने WWE करियर में उन्होंने अंडरटेकर के अलावा जॉन सीना, बटिस्टा, शॉन माइकल्, केन जैसे सुपरस्टार्स को भी मात दी. उन्होंने अपने रेसलिंग करियर के अलावा अभिनय में भी हाथ आजमाए और हॉलीवुड व बॉलीवुड के कई प्रोजेक्ट में काम किया. वह टेलीविजन के पॉपुलर शो 'बिग बॉस' में भी नजर आ चुके हैं. 

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Trending news