INDIA Alliance Future: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जब सोमवार को शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने संसद पहुंची तो उनसे तीन राज्यों में कांग्रेस की हार पर सवाल किया गया. इस पर सोनिया गांधी ने भी कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया.
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INDIA Alliance Future: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में जीत के बाद बीजेपी सांसदों और नेताओं का जोश देखने लायक है. चारों तरफ इस भारी जीत के नायक कहे जाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही चर्चा है. चुनावी नतीजों ने साफ कर दिया कि पीएम मोदी की रणनीति कांग्रेस ही नहीं पूरे विपक्ष पर भारी पड़ी है. चुनावी नतीजों के बाद तो सोनिया गांधी ने इस पर बोलने से भी इनकार कर दिया. वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि चुनाव परिणाम लोगों के गले से नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल हैं. ऐसे 'रहस्यात्मक' मामले पर गंभीर चिंतन और उसके 'समाधान' की जरूरत है.
तीन राज्यों में कांग्रेस की हार पर सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी जब सोमवार को शीतकालीन सत्र में हिस्सा लेने संसद पहुंची तो उनसे तीन राज्यों में कांग्रेस की हार पर सवाल किया गया. Zee News के सवाल पर सोनिया गांधी ने भी कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. तीन राज्यों में कांग्रेस की हार और इस पर सोनिया गांधी की चुप्पी के बाद INDIA गठबंधन के भविष्य को लेकर चर्चा तेज होने लगी है.
संसद भवन पहुंची सोनिया गांधी से Zee News का सवाल- तीन राज्यों में कांग्रेस की हार पर क्या प्रतिक्रिया है ? #SoniaGandhi #Congress #ElectionResults #ParliamentSession | @vishalpandeyk pic.twitter.com/tfB5HPNHWn
— Zee News (@ZeeNews) December 4, 2023
चुनाव नतीजे लोगों के गले उतर पाना मुश्किल: मायावती
बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम लोगों के गले से नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल हैं. ऐसे 'रहस्यात्मक' मामले पर गंभीर चिंतन और उसके 'समाधान' की जरूरत है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मायावती ने जमीनी रिपोर्ट लेकर आगामी लोकसभा चुनाव की नए सिरे से तैयारी के लिए आगामी 10 दिसंबर को लखनऊ में पार्टी की अखिल भारतीय बैठक बुलाई है.
मायावती ने कहा, 'देश के चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम एक पार्टी के पक्ष में एकतरफा होने से लोगों का अचंभित और चिंतित होना स्वाभाविक है। चुनाव के पूरे माहौल को देखते हुए ऐसा विचित्र परिणाम लोगों के गले के नीचे उतर पाना बहुत मुश्किल है. पूरे चुनाव के दौरान माहौल एकदम अलग, कांटे के संघर्ष वाला और दिलचस्प था मगर चुनाव परिणाम उससे बिल्कुल अलग होकर पूरी तरह से एकतरफा हो जाना, यह ऐसा रहस्यात्मक मामला है जिस पर गंभीर चिंतन व उसका समाधान जरूरी है। लोगों की नब्ज पहचानने में भयंकर भूल-चूक चुनावी चर्चा का नया विषय है.'
मायावती ने आगे कहा, 'बसपा के सभी लोगों ने पूरे तन मन धन व दमदारी के साथ यह चुनाव लड़ा. उन्हें ऐसे अजूबे परिणाम से निराश कतई नहीं होना है बल्कि बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर के जीवन संघर्षों से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने का प्रयास करते रहना है. इस चुनावी परिणाम के संदर्भ में जमीनी रिपोर्ट लेकर आगे लोकसभा चुनाव की नए सिरे से तैयारी पर विचार विमर्श के लिए पार्टी की अखिल भारतीय स्तर पर बैठक आगामी 10 दिसंबर को लखनऊ में बुलाई गई है. चुनाव परिणाम से विचलित हुए बिना आंबेडकरवादी आंदोलन आगे बढ़ाने की हिम्मत कभी भी नहीं हारेगा.'
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)