बापू@150: संयुक्त राष्ट्र में PM मोदी ने गांधी के सिद्धांतों का किया बखान
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बापू@150: संयुक्त राष्ट्र में PM मोदी ने गांधी के सिद्धांतों का किया बखान

अपने संबोधन में, PM मोदी ने 20वीं सदी में मानव स्वतंत्रता के लिए 'राष्ट्रपिता' के योगदान पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र ने लोगों को सिर्फ सरकारें चुनने तक सीमित कर दिया है और सरकारें वही करती हैं जो जनता को पसंद हो. 

संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए 'लीडरशिप मैटर्स : समकालीन विश्व में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता' कार्यक्रम. तस्वीर साभार- ट्विटर पेज @AndrewHolnessJM

न्यूयॉर्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने मंगलवार को कहा कि महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) ने लोकतंत्र शब्द को विस्तार देकर इसे चुनाव से परे ले जाकर जनशक्ति तक पहुंचाया जिससे लोगों की सरकारों पर से निर्भरता खत्म हो गई. उन्होंने कहा कि लोगों की आंतरिक शक्ति को बाहर लाने में मदद की और उन्हें अपने दर्शन से प्रेरित किया, यहां तक कि उन लोगों को भी प्रेरित किया जो उनसे कभी नहीं मिले थे. मोदी ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गांधी की 150वीं जयंती मनाने के लिए 'लीडरशिप मैटर्स : समकालीन विश्व में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की प्रासंगिकता' कार्यक्रम की मेजबानी करते हुए यह टिप्पणी की.

'बापू मानव स्वतंत्रता के लिए काम करते रहे'
अपने संबोधन में, PM मोदी ने 20वीं सदी में मानव स्वतंत्रता के लिए 'राष्ट्रपिता' के योगदान पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र ने लोगों को सिर्फ सरकारें चुनने तक सीमित कर दिया है और सरकारें वही करती हैं जो जनता को पसंद हो. उन्होंने कहा कि लेकिन गांधी ने लोगों को एक ऐसे सामाजिक तंत्र के माध्यम से सच्ची स्वतंत्रता का मार्ग बताया जो सरकार पर निर्भर नहीं था. बैठक में नेताओं ने गांधी के उनपर तथा उनके देश पर प्रभावों के बारे में बताया. 

बापू की याद में डाक टिकट जारी
कार्यक्रम में गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक डाक टिकट भी जारी किया गया. बाद में, मोदी ने अन्य नेताओं के साथ संयुक्त रूप से संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में 10 लाख डॉलर के सोलर पैनल पार्क का और न्यूयॉर्क एक यूनिवर्सिटी परिसर में गांधी शांति पार्क का उद्घाटन किया. मोदी ने उपस्थित लोगों से यह कल्पना करने के लिए कहा कि गांधी अगर ऐसे देश में जन्म लें जो पहले से ही आजाद हो और उन्हें आजादी के आंदोलन की अगुआई ना करनी पड़े.

उन्होंने कहा कि वे तब भी जनशक्ति, स्वयं-सहायता और आत्मनिर्भरता के अपने विचारों से अगुआई कर रहे होते. इन्हीं विचारों के कारण, चाहे वह स्वच्छ भारत मिशन हो या डिजिटल इंडिया, लोग अब इन अभियानों को खुद आगे बढ़ा रहे हैं. मोदी ने याद किया कि क्वीन एलिजाबेथ ने उन्हें खादी का एक छोटा सा रूमाल दिखाया था, जो गांधी ने उन्हें शादी के मौके पर उपहार में दिया था. उन्होंने कहा कि यह बताता है कि ब्रिटिशों से लड़ाई के बावजूद वे व्यक्तिगत रिश्ते कायम रखते थे.

'बापू ने लोगों की आतंरिक शक्ति को बाहर लाने में मदद की'
मोदी ने कहा, 'उन्होंने लोगों की आंतरिक शक्ति को बाहर लाने में मदद की, और उन्हें प्रेरित किया और भले ही वह स्वतंत्रता संग्राम में नहीं लगे थे, उन्होंने स्वराज और आत्मनिर्भरता के लिए अपना जीवन बिताया. उनका दृष्टिकोण हमारे सामने है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि लाखों लोगों, कई राष्ट्रों ने उनके आदर्शो से शक्ति प्राप्त की और स्वतंत्रता प्राप्त की.

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संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा कि स्वच्छता, मातृ स्वास्थ्य, प्राथमिक शिक्षा, लैंगिक संतुलन, महिला सशक्तीकरण, भूख में कमी और विकास के लिए साझेदारी सुनिश्चित करना गांधी के जीवन का आधार था और इसके लिए काम करना मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स (एमडीजी) या सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के आने से काफी पहले शुरू हो गया था. गुटेरेस ने कहा कि एसडीजी की कार्यशैली में वास्तव में गांधीवादी दर्शन समाहित है.

'शेख मुजीबुर्रहमान ने आजादी की प्रेरणा गांधी से ली'
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने कहा कि गांधी के विचार कोरियाई प्रायाद्वीप पर उत्तर कोरिया के साथ शांति प्रक्रिया में प्रेरणा हैं. उन्होंने कहा कि जब कोरियाई लोग जापान के खिलाफ अपना स्वतंत्रता का अहिंसक आंदोलन चला रहे थे, जब उन्हें ब्रिटिश सामान का बहिष्कार करने की गांधी के आंदोलन की जानकारी हुई, तो उन्होंने वैसा ही आंदोलन शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा कि गांधी ने जापान की कैद में बंद कोरियाई स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के समर्थन में लिखा था. सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग ने कहा कि सिंगापुर सभी नस्लवाद और जातिवाद में समानता के गांधी के विचार से प्रेरित होकर 1965 में आजाद होना चाहता था. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान ने आजादी की प्रेरणा गांधी से ली थी. उन्होंने कहा कि उनके पिता और गांधी की हत्या कर दी गई.

इस अवसर पर न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न और जमैका के प्रधानमंत्री एंड्रयू माइकल होलनेस भी उपस्थित थे. इस समारोह में भाग लेने वाले अन्य गणमान्य लोगों में भूटान के प्रधानमंत्री लोटे त्शेरिंग, कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग-सूक, संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी और सदस्य देशों के राजनयिक भी शामिल हुए. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्वागत भाषण दिया.

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