ताइवान के आसमान में चीन का 'अतिक्रमण'! क्या समंदर में होगा महायुद्ध?
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ताइवान के आसमान में चीन का 'अतिक्रमण'! क्या समंदर में होगा महायुद्ध?

चीन की हवाई घुसपैठ से साफ है कि चीन ताइवान पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है. एक अक्टूबर से लेकर अब तक चीन के करीब 150 फाइटर जेट्स ताइवान के आसमान में दाखिल हुए हैं.

ताइवान के आसमान में चीन का 'अतिक्रमण'! क्या समंदर में होगा महायुद्ध?

नई दिल्ली: क्या 2021 में दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा युद्ध होने जा रहा है? क्या ये महायुद्ध इस बार समंदर में होगा? ऐसा हम क्यों कह रहे हैं आपको भी जानना चाहिए. इसकी वजह है ताइवान में की गई चीन की हवाई घुसपैठ. एक अक्टूबर से लेकर अब तक चीन के करीब 150 फाइटर जेट्स ताइवान के आसमान में दाखिल हुए हैं. जिससे बौखलाए ताइवान ने चीन को युद्ध की चेतावनी दी, वहीं अमेरिका और ब्रिटेन ने ताइवान के समर्थन में साउथ चाइना सी में 3 एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात कर दिए हैं, जिसके बाद जानकार मान रहे हैं कि साउथ चाइना सी के ये डरावने हालात दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध की ओर ले जा सकते हैं.

  1. अबकी बार, महासागर में विनाश की लहर?
  2. ताइवान के खिलाफ चीन का 'प्लेन-150'
  3. साउथ चाइना सी में अमेरिकी 'विनाशक' की तैनाती

ताइवान की राष्ट्रपति को इस बात का डर

ताइवान की राष्ट्रपति साई-इंग-वेन ने हाल ही में फॉरेन अफेयर्स में एक लेख लिखा है. लेख में जो बातें लिखी हैं वो दुनिया के लिए और खासकर एशिया के इस क्षेत्र के लिए चिंता बढ़ाने वाली हैं. साई-इंग-वेन ने लिखा, 'हम शांति चाहते हैं लेकिन हमारे लोकतंत्र और जीवन शैली को अगर खतरा पहुंचा तो ताइवान आत्मरक्षा के लिए जो भी जरूरी समझेगा, वो करने के लिए तैयार है. दुनिया को समझने की जरूरत है कि ताइवान अगर चीन के हाथ में चला गया तो क्षेत्रीय शांति के लिए ये विनाशकारी होगा. ये लोकतांत्रिक साझेदारी के लिए भी विध्वंसकारी साबित होगा.' अब सवाल है कि ताइवान की राष्ट्रपति ने अचानक अपने देश पर चीन के कब्जे का डर क्यों जताया? 

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चीन को ताइवान की खुली चेतावनी

बता दें कि चीन ने एक अक्टूबर को अपना राष्ट्रीय दिवस मनाया और इसके साथ ही उसने ताइवान के सामने अपनी ताकत और धौंस जमाने की कोशिश की. 2021 में ताइवान के खिलाफ दादागीरी की सभी हदें पार करते हुए एक अक्टूबर से लेकर अबतक चीन के करीब 150 वॉर प्लेन्स ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की. अकेले मंगलवार को ही चीन के करीब 56 फाइटर जेट्स ताइवान के आसमान में देखे गए. ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक उड़ान भरने वाले चीन के इन लड़ाकू विमानों में 34 J-16 लड़ाकू विमान और 12 H-6 परमाणु बमवर्षक विमान शामिल थे. इसी के बाद ताइवान बौखला उठा और चीन को युद्ध की खुली चेतावनी दे दी.

ताइवान के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि अगर वो (चीन) हम पर हमला करना चाहते हैं, तो उनके पास पहले से ऐसा करने की योग्यता है. लेकिन हमें ये देखना होगा कि इसका समाधान कैसे निकल सकता है. हम किसी तरह की उकसावे वाली कार्रवाई नहीं करेंगे लेकिन अगर उन्होंने दुस्साहस किया तो हम भी दिखा देंगे कि हमारे पास कैसी क्षमता है.

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ताइवान में हवाई घुसपैठ और ताइवान की चेतावनी पर चीन की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. लेकिन चीन की हवाई घुसपैठ से साफ है कि चीन ताइवान पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है और इसका अंदाजा अमेरिका को भी लग चुका है. इसीलिए ताइवान के बाद अब अमेरिका ने भी चीन को अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है. 

व्हाइट हाउस की तरफ से प्रेस ब्रीफिंग के दौरान अमेरिका की तरफ से इस संबंध में कहा गया कि अमेरिका, ताइवान के पास चीन की भड़काने वाली सैन्य गतिविधियों से चिंतित है. चीन की ये हरकत क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर कर रही है. चीन को चाहिए कि वो तुरंत ताइवान के खिलाफ सैन्य, राजनयिक और आर्थिक दबाव बनाना बंद करे.

इसके अलावा, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने खुद ताइवान के मसले पर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बात करके भी चीन को खरी-खरी सुनाई. साफ है कि दुनिया के सामने बाइडन ने चीन को लेकर जो विश्वास जताया, शायद उसपर उन्हें खुद भी भरोसा नहीं है. इसीलिए अमेरिका, ताइवान के खिलाफ चीन की हर चालबाजी को लेकर चौकन्ना है और उसने अब चीन को जवाब देने के लिए साउथ चाइना सी में अपने विनाशक की तैनाती भी कर दी है.

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