यूनिसेफ की अपील, आईएस के ‘खिलाफत’ में पले-बढ़े बच्चों को ना माना जाए आतंकवादी
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यूनिसेफ की अपील, आईएस के ‘खिलाफत’ में पले-बढ़े बच्चों को ना माना जाए आतंकवादी

गीर्त कपिलेयर ने बेरूत में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ऐसे बच्चों की जरूरत नहीं, यह संदेश हर रोज मजबूत होता जा रहा है.

फाइल फोटो

बेरूत: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने सोमवार को कहा कि इस्लामिक स्टेट समूह के “खिलाफत’’ में पले-बढ़े बच्चों को आतंकवादी नहीं माना जाना चाहिए. एजेंसी के पश्चिम एशिया क्षेत्र के निदेशक ने कहा कि पूर्वोत्तर सीरिया में आईएस के आखिरी गढ़ से हाल ही में भागे जिहादी परिवारों के बच्चों के भविष्य को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. 

गीर्त कपिलेयर ने बेरूत में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ऐसे बच्चों की जरूरत नहीं, यह संदेश हर रोज मजबूत होता जा रहा है.” यूनिसेफ के मुताबिक अल-होल शिविर में फिलहाल अनुमान के मुताबिक करीब 3,000 बच्चे रह रहे हैं. हाल के हफ्तों में आईएस के “खिलाफत” की जकड़ से निकल भागे ज्यादातर लोग इसी शिविर में रह रहे हैं. 

ये लोग कम से कम 43 देशों से हैं. इनमें से ज्यादातर देश उनकी संभावित देश वापसी की समस्या को सुलझाने को लेकर अनिच्छुक हैं. कपिलेयर ने बच्चों के गाने की एक सीडी के लॉन्च पर उन्होंने कहा, “यह ऐसी समस्या है जिसे ठंडे बस्ते में नहीं डाला जा सकता.” यह सीडी सीरियाई गृहयुद्ध की आठवीं बरसी के समय लॉन्च की गई है.

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