चीनी सेना ने कहा कि डोकलाम गतिरोध जैसी घटनाओं से बचने के लिए 73 दिन के गतिरोध से भारत को सबक लेना चाहिए.
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बीजिंग: डोकलाम को विवादित क्षेत्र करार देने संबंधी सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के बयान की आलोचना करते हुए चीन की सेना ने गुरुवार को कहा कि यह चीन का हिस्सा है. चीनी सेना ने कहा कि डोकलाम गतिरोध जैसी घटनाओं से बचने के लिए 73 दिन के गतिरोध से भारत को सबक लेना चाहिए. अब देखना है कि भारत चीनी सेना के इस बयान पर किस तरह की प्रतिक्रिया देता है.
जनरल रावत के बयान पर चीन की सेना की पहली प्रतिक्रिया
जनरल रावत की टिप्पणी पर चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. जनरल रावत ने इस महीने के शुरू में कहा था कि भारत को पाकिस्तान की सीमा से अपना ध्यान हटाकर चीन की तरफ ले जाने की जरूरत है तथा उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बीजिंग की ओर दबाव बनाए जाने के बारे में बात की थी.
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वू ने कहा, ‘‘भारतीय पक्ष की ओर से की गई टिप्पणी से दिखता है कि भारतीय सैनिकों की ओर से अवैध ढंग से सीमा पार करने की बात सच और स्पष्ट है.’’ उन्होंने जनरल रावत के हालिया बयान का जवाब देते हुए कहा, ‘‘डोगलोंग (डोकलाम) चीन का हिस्सा है.’’ वू ने कहा कि भारतीय पक्ष को भविष्य में ऐसी घटनाओं (डोकलाम गतिरोध) से बचने के लिए उस घटना से सबक लेना चाहिए. जनरल रावत के बयान का हवाला देते हुए वू ने कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि किसी देश का कोई भी आकार हो, उसके साथ समान व्यवहार होना चाहिए.’’
भारत और चीन के सैनिक पिछले साल 73 दिन तक आमने-सामने थे
भारत और चीन के सैनिक पिछले साल 16 जून से 73 दिन तक आमने-सामने थे. इस क्षेत्र में चीनी सेना की ओर से किए जा रहे सड़क निर्माण के काम को भारतीय पक्ष ने रोक दिया था जिसके बाद यह गतिरोध आरंभ हुआ. गतिरोध का अंत 28 अगस्त को हुआ.
(इनपुट - भाषा)