S. Jaishankar: एस. जयशंकर का पश्चिम पर वार- दशकों तक हमारे पड़ोस में सैन्य तानाशाही को देते रहे वरीयता, अब रूस पर हमें न दें ज्ञान
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S. Jaishankar: एस. जयशंकर का पश्चिम पर वार- दशकों तक हमारे पड़ोस में सैन्य तानाशाही को देते रहे वरीयता, अब रूस पर हमें न दें ज्ञान

S. Jaishankar in Australia: पश्चिमी देशों द्वारा भारतीय सेना के रूसी हथियारों के इस्तेमाल पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को पश्चिमी देशों की नीतियों की जमकर आलोचना की और उनकी नीतियों पर सवाल उठाए.

एस. जयशंकर

India Attack Western Countries Policy: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को पश्चिमी देशों की नीतियों की जमकर आलोचना की. पश्चिमी देशों द्वारा भारतीय सेना के रूसी हथियारों के इस्तेमाल पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए जयशंकर ने कहा, ऐसा इसलिए है क्योंकि पश्चिमी देशों ने दशकों तक भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं की. यही नहीं इन देशों ने अपने पसंदीदा देशों को खुलकर हथियार दिए. इनमें से कुछ देश तो सैन्य तानाशाही वाले थे. उन्होंने ये बातें ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं.

पश्चिमी देशों की नीति पर उठाए सवाल

एस. जयशंकर ने कहा, रूस के साथ हमारे लंबे समय से संबंध हैं और इस संबंध ने हमारे हितों की अच्छी तरह से रक्षा की है. हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियारों की एक बड़ी लिस्ट है और यह लिस्ट कई कारणों से बढ़ी, जिसमें सबसे प्रमुख पश्चिम के देशों द्वारा दशकों तक भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं करना है, जबकि इन्हीं देशों हमारे बगल में सैन्य तानाशाही को एक पसंदीदा भागीदार के रूप में देखा. उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हम ऐसे फैसले करते हैं जो हमारे भविष्य के हितों और वर्तमान स्थिति को दर्शाते हैं.

यूक्रेन संघर्ष को लेकर कही ये बात

जयशंकर ने सोमवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष के साथ यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इसके प्रभावों पर भी व्यापक चर्चा की. उन्होंने कहा, हम स्पष्ट रूप से यूक्रेन में संघर्ष के खिलाफ रहे हैं. हमारा मानना है कि यह किसी के भी हित में नहीं है. इसने कम आय वाले देशों को कितना प्रभावित किया है ये भी किसी से छिपा नहीं है. जैसा कि समरकंद में पीएम मोदी ने कहा था कि, यह युद्ध का युग नहीं है. अगले साल G20 के अध्यक्ष के रूप में, ऑस्ट्रेलियाई विचार और हित बहुत महत्वपूर्ण होंगे. जयशंकर ने कहा, ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित स्थलों को सजाकर भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के जश्न में शामिल होने के लिए ऑस्ट्रेलिया का आभार व्यक्त किया.

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