India-Maldives: ‘मालदीव के लोगों को गहरा अफसोस है’ - भारत के साथ तनाव पर बोले पूर्व राष्ट्रपति नशीद
Advertisement
trendingNow12147912

India-Maldives: ‘मालदीव के लोगों को गहरा अफसोस है’ - भारत के साथ तनाव पर बोले पूर्व राष्ट्रपति नशीद

India-Maldives Relations:भारत और मालदीव के बीच राजनयिक तनाव तब और निचले स्तर पर पहुंच गया राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 10 मार्च तक सभी भारतीय सैन्य कर्मियों को देश से बाहर निकालने की योजना की घोषणा की.

India-Maldives: ‘मालदीव के लोगों को गहरा अफसोस है’ - भारत के साथ तनाव पर बोले पूर्व राष्ट्रपति नशीद

India-Maldives Tensions: भारत और मालदीव के बीच चल रही कूटनीतिक खींचतान के बीच, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने विशेष तौर पर भारत के बॉयकॉट कॉल को लेकर कहा कि इससे देश के टूरिस्ज सेक्टर पर गंभीर प्रभाव पड़ा है.

भारत में मौजूद नशीद ने कहा, 'इसने मालदीव पर बहुत असर डाला है, और मैं यहां भारत में हूं. मैं इस बारे में बहुत चिंतित हूं. मैं कहना चाहता हूं कि मालदीव के लोगों को जो कुछ हुआ उसे लेकर बहुत खेद है.'

'हमारी मेजबानी में कोई बदलाव नहीं होगा'
मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, 'हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों मनाने मालदीव आएं. हमारी मेजबानी में कोई बदलाव नहीं होगा.'

भारत और मालदीव के बीच राजनयिक तनाव तब और निचले स्तर पर पहुंच गया जब चीन समर्थक माने जाने वाले राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 10 मार्च तक सभी भारतीय सैन्य कर्मियों को देश से बाहर निकालने की योजना की घोषणा की.

नशीद ने इस मुद्दे पर कहा, 'जब मालदीव के राष्ट्रपति चाहते थे कि भारतीय सैन्यकर्मी चले जाएं, तो आप जानते हैं कि भारत ने क्या किया? उन्होंने अपनी बांहें नहीं मोड़ीं उन्होंने कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं किया, बल्कि मालदीव की सरकार से कहा, 'ठीक है, चलो इस पर चर्चा करें.'

चीन के साथ हुए समझौते पर कही यह बात
मालदीव और चीन के बीच हाल ही में हुए रक्षा समझौते पर नशीद ने इसे रक्षा समझौता नहीं बल्कि उपकरणों की खरीद बताकर खारिज कर दिया.

नशीद ने कहा, 'मुझे लगता है कि मुइज्जू कुछ इक्विपमेंट खरीदना चाहते थें, मुख्य रूप से रबर की गोलियां और आंसू गैस. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सोचा कि अधिक आंसू गैस और अधिक रबर की गोलियों की जरूरत है. शासन बंदूक की नली के जरिए नहीं होता है.'

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में कहा था कि राष्ट्रों के बीच गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं और उन्होंने राजनयिक माध्यमों से विवाद को सुलझाने में आशा व्यक्त किया.  उन्होंने कहा, 'हमें लोगों को समझाना होगा, कभी-कभी लोगों को चीजों की पूरी जानकारी नहीं होती है, कभी-कभी लोग दूसरों की बातों से गुमराह हो जाते हैं.'

Trending news