Israel Hamas War: भूख से तड़प तड़प कर मर गये 20 फिलिस्तीनी, क्या नाजियों वाले रास्ते पर है इजरायल
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Israel Hamas War: भूख से तड़प तड़प कर मर गये 20 फिलिस्तीनी, क्या नाजियों वाले रास्ते पर है इजरायल

Gaza news: गाजा में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाल ही में वहां भुखमरी की वजह से हुए कुपोषण का शिकार हुए 20 बच्चों की मौत हो चुकी है.

Israel Hamas War: भूख से तड़प तड़प कर मर गये 20 फिलिस्तीनी, क्या नाजियों वाले रास्ते पर है इजरायल

Israle Hamas war Gaza starvation: इजरायल-हमास के बीच जंग जारी है. हमास के आतंकवादियों की नापाक करतूत की सजा अब गाजा में रह रहे फिलिस्तीन के मासूम बच्चे भुगत रहे हैं. गाजा में राशन पानी की कमी से अकाल का खतरा गहरा गया है. गाजा के अस्पतालों में भुखमरी और कुपोषण के शिकार दर्जनों बीमार बच्चों की हालत खराब है. इजरायल के इंतकाम की आग में बेगुनाह बच्चों के शरीर सूख गए हैं और उनकी हड्डी-पसली साफ नजर आ रही हैं. 

गाजा पर इजरायल के हमले जारी

टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक कई जगहों पर आईडीएफ यानी इजरायली सुरक्षाबलों के हमले जारी हैं. जहां कहीं भी हमास का नामो निशान या उसके आतंकी छिपे होने का इनपुट आता है वहां फौरन एयर स्ट्राइक की जाती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकवादी संगठन हमास कमजोर हुआ है लेकिन अभी खत्म नहीं हुआ है.

अस्पताल में कुपोषण के शिकार बच्चों की संख्या बढ़ी, 20 की मौत

गाजा की जंग में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघ हो रहा है. हालात भयावाह हैं. गाजा की हालात सीरिया और यमन जैसी हो गई है. लाखों लोग बेघर हो चुके हैं. दाना पानी का संकट है. राशन और मदद नहीं पहुंच पा रही है. गाजा के अस्पतालों में 20 बच्चों की मौत हो चुकी है. मरने वाले ज्यादातर नवजात बच्चे हैं. सेरेलेक जैसे नवजात बच्चों के फूड आइटम नहीं होने की वजह से भी मामले बढ़े हैं.

नाजियों वाले रास्ते पर है इजरायल?

गाजा में कुपोषण की समस्या गंभीर हो चुकी है. हेल्थ डिपार्टमेंट की टीमों के मुताबिक अस्पतालों में कुपोषण और अन्य बीमारियों के शिकार बच्चे भर्ती हैं. जिनका वजन युद्ध शुरू होने से पहले 12 किलोग्राम था जो अब 6 किलोग्राम रह गया है. संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी के मुताबिक सभी को भरपेट खाना खिलाने के लिए महीने में कम से कम 500 ट्रक राशन और दवाओं की जरूरत है. लेकिन इजरायल के हमलों के कारण फरवरी में 100 ट्रक राहत सामग्री भी नहीं पहुंच सकी.

ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या इजरायल भी नाजियों की राह पर चल रहा है? क्या हमास को खत्म करने के लिए वहां ऐसा संकट खड़ा किया जा रहा है कि गाजा वीरान हो जाए और वहां कोई जीवित न रह सके. इसलिए खाद्ध संकट खड़ा करके आतंकवाद का खत्म करने की कोशिश हो रही है ताकि भविष्य में 7 अक्टूबर, 2023 को हुए हमास के हमले की पुनरावृत्ति न हो सके. 

फिलिस्तीनियों का कहना है कि अगर सफेद झंडा लगा राहत सामग्री का ट्रक भी गाजा आता है तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि उस पर इजरायल की मिसाइल या बम नहीं गिरेगा. यानी ऐसे में हालात न सुधरे तो यहां अकाल पड़ना तय है. 

नाजीवाद और नाजियों ने क्या किया?

नाजीवाद, जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की विचार धारा थी. जर्मनी के कट्टर राष्ट्रवादी और देशप्रेमी, तब यहूदियों से नफरत करते थे. नाजी लोग यहूदियों को जर्मनी मे हर बुराई का दोषी मानते थे. जर्मनी मे हिटलर की तानाशाही और सेकेंड वर्ल्ड वार मे यहूदियों के कत्ले-आम के पीछे नाजियों का हाथ था. युद्ध के उस दौर के छह सालों में नाजियों ने तकरीबन 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी, जिनमें 15 लाख बच्चे थे. एक अनुमान के मुताबिक यहूदियों को जड़ से मिटाने की मंशा पूरा करने के लिए हिटलर ने इस कत्लेआम को अंजाम दिलवाया था. दुनिया की करीब एक तिहाई यहूदी आबादी खत्म हो गई थी.

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