इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की एक महत्वकांक्षी योजना के खिलाफ हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया.
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येरूशलम: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की एक महत्वकांक्षी योजना के खिलाफ हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. वहीं, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी इस पर चिंता जताते हुए असंतोष भड़कने की आशंका जताई है. नेतन्याहू कब्जे वाले वेस्ट बैंक (West Bank) के अन्य हिस्सों को भी अपने देश में शामिल करना चाहते हैं और चुनाव से पूर्व ही वह अपनी यह इच्छा जाहिर कर चुके थे.
सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के हाथों में सरकार विरोधी नारों वाली तख्तियां थीं, इस दौरान कुछ लोग फिलिस्तीन का झंडा लहराते भी दिखाई दिए. लेफ्ट-विंग द्वारा आयोजित प्रदर्शन में कोरोना वायरस (Corona virus) के प्रकोप को देखते हुए सावधानियां बरती गईं. अधिकांश प्रदर्शनकारी मास्क लगाये हुए थे जबकि कुछ ने दस्ताने भी पहने थे. इसके अलावा, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए सड़कों को बाकायदा चिह्नित किया गया था.
भले ही बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की योजना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हों, लेकिन हाल में हुए एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि इजराइल की आधी से ज्यादा आबादी प्रधानमंत्री के पक्ष में है.
प्रदर्शन के दौरान आयोजकों ने अमेरिकी सीनेटर बर्नी सैंडर्स का एक वीडियो संदेश भी चलाया. जिसमें उन्होंने न्याय की मांग करते हुए कहा , ‘न्याय के लिए खड़े होने से ज्यादा कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है.हम सभी को सत्तावादी नेताओं के साथ खड़े होना है और हर फिलिस्तीनी और हर इजरायली के लिए एक शांतिपूर्ण भविष्य तलाशना है’. गौरतलब है कि इजराइल की इस योजना को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है.
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अपनी योजना को आगे बढ़ाने के लिए 1 जुलाई की तारीख निर्धारित की है, जबकि फिलिस्तीनियों ने इसे स्वीकार कर दिया है. कुछ यूरोपीय और अरब देशों के साथ ही संयुक्त राष्ट्र ने भी इजराइल के इस कदम पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने इस योजना को गैरकानूनी करार देते हुए कहा है कि इससे देश में असंतोष बढ़ेगा और विपरीत राजनयिक परिणाम सामने आएंगे.
क्या है विवाद?
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच सालों से वेस्ट बैंक विवाद चला आ रहा है. इजराइल की तरफ से यहां लाखों यहूदियों को बसाया गया है, मगर 25 लाख के आसपास फिलिस्तीनी भी यहीं रहते हैं. लिहाजा, फिलिस्तीन वेस्ट बैंक, पूर्वी येरूशलम और गाजा पट्टी को मिलाकर एक देश बनाना चाहता है. जबकि इजराइल का कहना है कि वेस्ट बैंक और पूर्वी येरूशलम उसका हिस्सा है. नेतन्याहू की इच्छा है कि इजराइल के विस्तार को जोर्डन घाटी और नार्थ डेड समुद्र तक ले जाया जाए. साथ ही अभी जितने भी यहूदी वहां रह रहे हैं उन्हें ज्यादा सुविधाएँ मुहैया कराई जाएं.
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