अंतर-संसदीय संघ के पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के राष्ट्राध्यक्ष चुने जाने का प्रतिशत 2017 के 7.2 प्रतिशत से गिरकर 2018 में 6.6 प्रतिशत रह गया है
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नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिलाएं आज हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही हैं और आगे बढ़ रही हैं, लेकिन राजनीतिक धरातल पर महिलाओं की स्थिति हतोत्साहित करने वाली है. विश्वभर में राजनीतिक क्षेत्र में मौजूद महिलाओं की संख्या में गिरावट आई है. हाल में जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है.
राजनीति में महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में बहुत कम है और विश्व के नेताओं में मात्र सात प्रतिशत और सांसदों में केवल 24 प्रतिशत महिलाएं हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष मारिया फर्नांडा एस्पिनोसा ने महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र आयोग के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को बताया कि हालिया वर्षों में विश्वभर में राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की संख्या में काफी कमी देखने को मिली है.
अंतर-संसदीय संघ के पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के अनुसार महिलाओं के राष्ट्राध्यक्ष चुने जाने का प्रतिशत 2017 के 7.2 प्रतिशत से गिरकर 2018 में 6.6 प्रतिशत रह गया है. इसी अवधि में सरकार में महिला प्रमुखों का प्रतिशत भी 5.7 प्रतिशत से गिरकर 5.2 प्रतिशत रह गया है.
अंतर संसदीय संघ की प्रमुख गैब्रीला क्वेवास बैरन ने कहा, 'कुछ सकारात्मक आंदोलनों के बावजूद सरकारी नेताओं में अभूतपूर्व बहुमत पुरुषों का है. संयुक्त राष्ट्र महिला की कार्यकारी निदेशक फुम्जिले म्लाम्बो नगकुका ने मौजूदा माहौल को ‘‘महिलाओं के उत्थान के लिए उत्साहवर्धक नहीं' बताया.
उन्होंने कई देशों में महिला उम्मीदवारों और नेताओं के खिलाफ राजनीतिक हिंसा, मौखिक हमला और सोशल मीडिया के दुरुपयोग का हवाला देते हुए कहा कि , 'महिलाएं पीछे की ओर हटी हैं. महिलाओं में कार्यालय के लिए लड़ने की इच्छा कम हो रही है क्योंकि यह बहुत निर्दयी प्रक्रिया है'.