भारत के 'खास दोस्त' के दवाब में आया पाकिस्तान, खुद की छवि सुधारने के लिए किया ये काम
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भारत के 'खास दोस्त' के दवाब में आया पाकिस्तान, खुद की छवि सुधारने के लिए किया ये काम

 अमेरिका ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी सरजमीं से तालिबान को “सुरक्षित पनाहगाह” उपलब्ध कराना बंद करे.

अधिकारियों ने कई घरों पर छापेमारी की और मोहिबुल्ला को गिरफ्तार कर लिया. .(फाइल फोटो)

पेशावर: पाकिस्तान ने तालिबान पर अमेरिका के साथ बातचीत का दबाव बनाने के लिए अफगान तालिबान के एक वरिष्ठ सदस्य को गिरफ्तार कर लिया है. मीडिया में मंगलवार को आई एक खबर में बताया गया कि आतंकवादी समूह को बातचीत की मेज तक लाने के लिए यह कदम उठाया गया. बीबीसी ने समूह के सूत्रों के हवाले से खबर दी कि 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान के शासन के दौरान धार्मिक मामलों के मंत्री रहे हाफिज मोहिबुल्ला को पेशावर में गिरफ्तार किया गया. अमेरिका ने बार-बार पाकिस्तान से कहा है कि वह अपनी सरजमीं से तालिबान को “सुरक्षित पनाहगाह” उपलब्ध कराना बंद करे. पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में फिर से अपना वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश कर रहे समूह को समर्थन दिए जाने से इनकार किया है.

मोहिबुल्ला की गिरफ्तारी की खबर अफगानिस्तान में अमेरिका के दूत जलमय खलीलजाद के पाकिस्तान दौरे से पहले आ रही है जो युद्धग्रस्त देश में अमेरिका समर्थित जारी शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए शीर्ष अधिकारियों से नये सिरे से बातचीत करने वाले हैं. तालिबान के एक प्रमुख सदस्य के हवाले से खबर में कहा गया, “उन्होंने एक संदेश देने के लिए उन्हें (मोहिबुल्ला) गिरफ्तार किया है.”

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आतंकवादी समूह के क्वेटा शूरा के अन्य सूत्र ने कहा, “आगामी शांति वार्ता को लेकर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई थी. जो अंतत: बहस पर खत्म हई. उसके ठीक बाद, अधिकारियों ने कई घरों पर छापेमारी की और मोहिबुल्ला को गिरफ्तार कर लिया. उसके बाद (तालिबान नेता) शेख हिबातुल्ला ने हर किसी को चौकन्ना रहने का संदेश भेजा.” 

अमेरिका ने पाकिस्तान की आर्थिक सहायता रोकी
आपको बता दें कि इससे पहले पेंटागन ने कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान पर हक्कानी नेटवर्क सहित सभी आतंकवादी समूहों को 'बिना भेदभाव' के निशाना बनाने को लेकर लगातार दबाव जारी रखे हुये है. यह टिप्पणी उन खबरों के बीच आई है जिनमें कहा गया है कि आतंकवादी समूहों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के चलते अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता रोक दी थी. पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकने की घोषणा जनवरी 2018 में की गई थी'. 

इनपुट भाषा से भी 

 

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