Pakistan News in Hindi: भारत से दुश्मनी कर कंगाल हो चुके पाकिस्तान की संसद में अब शिकारी बिल्लियां तैनात की जाएंगी. इसके लिए सरकार ने बजट भी पास कर दिया है. आखिर सरकार को यह फैसला क्यों लेना पड़ा है.
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Rats in Pakistani Parliament: पाकिस्तान की हालत इन दिनों कंगाली में आटा गीला वाली हो रखी है. इस्लाम के नाम पर बना यह मुल्क पहले से दाल-रोटी के लिए मोहताज था. अब एक नई समस्या ने वहां के लोगों को गहरी टेंशन में डाल दिया है. आप सोच रहे हैं कि यह समस्या देश में बढ़ते आतंकवाद, जातीय तनाव या महंगाई से जुड़ी होगी लेकिन यह पूरा सच नहीं है. असल में वहां की संसद में चूहों की बेतहाशा बढ़ रही तादाद ने नेताओं की नींद उड़ा रखी है. सांसदों को समझ नहीं आ रहा कि इस समस्या से निजात कैसे पाया जाए. लिहाजा अब शहबाज सरकार ने इस समस्या को दूर करने का बड़ा ऐलान किया है. इसके लिए वहां की संसद ने करीब 1.2 मिलियन रुपये का बजट आवंटित किया है.
संसद में उछलकूद करते दिखते हैं चूहे
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उम्मीद जताई जा रही है कि यह बजट मिलने के बाद किसी प्राइवेट फर्म को हायर किया जाएगा, जो संसद के दोनों सदनों सीनेट और नेशनल असेंबली में पेस्ट कंट्रोल करके चूहों की तादाद को काबू करने की कोशिश करेगी. इसके साथ ही वह शिकारी बिल्लियों की भी तैनाती करेगी, जो चुन-चुनकर चूहों का शिकार करेगी. बताया जा रहा है कि संसद भवन की छत में सीलन की वजह से चूहों को वहां छिपने और प्रजनन करने का मौका मिल रहा है. जिससे अब वे चूहे संसद चलने के दौरान भी उछलकूद करते नजर आते हैं.
सांसद लंबे वक्त से कर रहे थे शिकायत
बताते चलें कि पाकिस्तान की संसद में सफाई की कमी पिछले कई वर्षों से एक बड़ा मुद्दा रहा है. वहां के संसद भवन में बने दो कैफेटेरिया में वर्ष 2022 में कॉकरोच पाए गए थे. जिसके बाद इस्लामाबाद प्रशासन ने उन्हें सील करने का आदेश दिया था. उन दोनों कैफेटेरिया के बारे में पहले भी सांसद इस तरह की शिकायतें कर रहे थे, जिसके बाद प्रशासन को उन पर एक्शन लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
लोकल मीडिया ने पाकिस्तान सरकार पर कसा तंज
इससे पहले वर्ष 2019 में भी पाकिस्तानी सांसदों ने वहां की कैंटीन में परोसे जाने वाले मांस की क्वालिटी पर चिंता जताई . वहीं 2014 में वहां के एक कैफेटेरिया में मिलने वाली टमाटो केचअप की एक बोतल में मरा हुआ कॉकरोच मिला था. पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया में चूहे कंट्रोल करने के लिए भारी भरकम बजट आवंटन पर तंज कसा है. लोकल मीडिया का कहना है कि भले ही पाकिस्तानी नेताओं के पास आम जनता की तकलीफों को दूर करने के लिए पैसा न हो, लेकिन उम्मीद है कि वे अपनी समस्याएं तो दूर कर ही लेंगे.