DNA: पाकिस्तान में डाकू कैसे बन गए मौत का दूसरा नाम, पुलिस-सेना भी खाती है खौफ; ऐसा है इतिहास
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DNA: पाकिस्तान में डाकू कैसे बन गए मौत का दूसरा नाम, पुलिस-सेना भी खाती है खौफ; ऐसा है इतिहास

Pakistan Decoits: अंग्रेजों के जमाने में ये डाकू सिंध से गुजरने वाले काफिलों पर हमले करते थे और उन्हें लूट लेते थे. पाकिस्तान बन जाने के बाद सिंध के इन डकैतों ने पहले अमीर लोगों को किडनैप करना शुरू किया.

DNA: पाकिस्तान में डाकू कैसे बन गए मौत का दूसरा नाम, पुलिस-सेना भी खाती है खौफ; ऐसा है इतिहास

Pakistan News: बागियों के हमलों से पाकिस्तानी फौज भाग जाती है तो पाकिस्तान में डकैतों की ताकत इतनी बढ़ गई है कि पुलिस के लिए खुद को बचाना मुश्किल हो रहा है.पाकिस्तान के पंजाब में दो दिनों के अंदर डकैतों ने दो बार पुलिसवालों को निशाना बनाया और  15 से ज्यादा पुलिसवालों की हत्या कर दी. रहीम यार खान में जब रात के वक्त एंबुलेंस और का सायरन सुनाई दिया तो लोगों ने समझ लिया कि एक बार फिर उन डकैतों ने हमला कर दिया है, जिनका भय पाकिस्तान के पंजाब से लेकर सिंध तक व्याप्त है.

21 अगस्त को रहीम यार खान में पुलिस के काफिले में हमला हुआ था जिसमें 11 पुलिसवालों की मौत हो गई थी और 8 घायल हो गए थे. 22 अगस्त को एक और पुलिस दल पर हमला हुआ जिसमें 5 पुलिसवाले मारे गए और इतने ही घायल हो गए हैं.

5 डकैतों को किया ढेर

इन हमलों के बाद पाकिस्तान की पंजाब और सिंध पुलिस ने एक साझा अभियान चलाया और 5 डकैतों को मार दिया लेकिन लोग ये समझ नहीं पाए कि आखिर ऐसे कौन से डकैत हैं जो पुलिसवालों तक की हत्या कर दे रहे हैं. पाकिस्तान के सिंध और सिंध की सीमा पर स्थित पंजाब के इलाकों में सालों से डकैतों के बड़े गिरोह चल रहे हैं.

 कहा तो ये भी जाता है पाकिस्तान में भले ही सरकार और सिस्टम को कट्टरपंथी जमातों से डर लगता हो. लेकिन फौज और पुलिस के लिए डकैतों के ये बड़े गिरोह सबसे बड़ा चैलेंज हैं. यानी पाकिस्तान में कट्टरपंथियों से ज्यादा ताकत डकैतों के हाथों में है. दुनिया के किसी भी देश में डाकुओं का इतिहास पढ़ेंगे तो उनके पास छोटे हथियारों का ही जिक्र किताबों में मिलता है.

डाकुओं के पास आधुनिक हथियार

सिंध के इन डाकुओं के पास एके 47 जैसी ऑटोमैटिक राइफल होती हैं, जो बड़े डाकू हैं उनके पास लाइट मशीनगन भी मिलेगी और हमलों के लिए ये डाकू RPG यानी रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड का भी इस्तेमाल करते हैं सिंध के ये डाकू आज स्मगलिंग और उगाही के धंधे करते हैं लेकिन हिस्ट्रीशीट आजादी से भी पुरानी है.

पाकिस्तानी आर्मी भी नहीं बिगाड़ पाई कुछ

अंग्रेजों के जमाने में ये डाकू सिंध से गुजरने वाले काफिलों पर हमले करते थे और उन्हें लूट लेते थे. पाकिस्तान बन जाने के बाद सिंध के इन डकैतों ने पहले अमीर लोगों को किडनैप करना शुरू किया. 90 के दशक में तो डाकू आम लोगों को भी किडनैप कर फिरौती मांगते थे. पिछले तकरीबन 10 से 15 सालों के बीच ये डाकू उद्योगपतियों से उगाही करते हैं और ड्रग्स की तस्करी भी करते हैं.

इन डाकुओं को काबू करने के लिए पहले पाकिस्तान के अर्धसैनिक बल यानी फ्रंटियर कोर ने अभियान चलाए. लेकिन वो मिशन कामयाब नहीं हो पाए. हालांकि अधिकारिक तौर पर पाकिस्तान ने कभी कबूला नहीं लेकिन 90 के दशक में पाकिस्तानी सेना ने भी सिंध के डाकुओं के खिलाफ ऑपरेशन किए थे.कहा जाता है कि इन ऑपरेशंस में टैंक तक इस्तेमाल किए गए थे. लेकिन आज भी डाकुओं का होना बताता है कि पाकिस्तानी  फौज भी अपना मिशन पूरा नहीं कर पाई थी.

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