India-Pakistan 1971 War: बार-बार मुंह की खाने के बाद क्यों नहीं सुधरता पाकिस्तान? अब PM काकर ने छोड़ा नया शिगूफा
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India-Pakistan 1971 War: बार-बार मुंह की खाने के बाद क्यों नहीं सुधरता पाकिस्तान? अब PM काकर ने छोड़ा नया शिगूफा

Anwaar ul Haq Kakar Threat: जिस पाकिस्तान के पास इलेक्शन करवाने का बजट नहीं है, उसका केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर 300 जंगें लड़ने को कह रहा है वो भी इंडिया के साथ. इस पर पाकिस्तानियों ने ही खूब सुनाया है.

India-Pakistan 1971 War: बार-बार मुंह की खाने के बाद क्यों नहीं सुधरता पाकिस्तान? अब PM काकर ने छोड़ा नया शिगूफा

India-Paksitan Relations: 16 दिसंबर का दिन पाकिस्तान (Pakistan) के लिए राष्ट्रीय शर्म का दिन होता है. दरअसल, इसी दिन 1971 में भारत के सामने पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों ने सरेंडर कर दिया था. अब पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम अनवारुल हर काकर ने भारत से 300 युद्ध लड़ने के लिए तैयार रहने की बात कही है. लेकिन विजय दिवस के दिन पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान के कार्यवाहक पीएम को आईना दिखा दिया है. ताने मार-मारकर अपने ही केयरटेकर पीएम को खूब सुनाया है.

शेख चिल्ली वाले सपने देख रहे काकर?

एक तरफ भारत ने 1971 में पाकिस्तान के 90 हजार से ज्यादा सैनिकों को सरेंडर करवाने वाले और पाकिस्तान के टुकड़े करने वाली भारतीय सेना के वीरों को विजय दिवस पर श्रद्धांजलि दी. दूसरी तरफ पाकिस्तानी जनता ने अपने प्रधानमंत्री अनवरुल हक काकर के भारत से 300 जंगों के लिए तैयार होने वाले बयान पर आईना दिखा दिया. काकर ने कहा कि मैं सिर्फ ये अर्ज करता चलूं कि तीन बार पाकिस्तान पर कश्मीर की वजह से जंग थोपी गई, जो हमने लड़ी. अगर इस बार पाकिस्तान पर जंग थोपी जाएगी, तो हम 300 बार जंग लड़ने के लिए तैयार हैं.

भारत से मात खाई...लोगों से बात छिपाई 

एक अन्य पाकिस्तानी ने कहा कि जो पहले तीन-चार जंगें कश्मीर के नाम पर हुईं, क्या उसकी रियल हिस्ट्री पाकिस्तान की पब्लिक को बताई जाती है. और क्या वाकई पाकिस्तान की पब्लिक 300-400 जंगें लड़ने के लिए तैयार है और वो भी इंडिया के साथ. जब हम भूख के साथ जंग लड़ रहे हैं.

पाकिस्तान ने किया सबसे बड़े सरेंडर

16 दिसंबर का दिन पाकिस्तानियों के सीने पर नश्तर की तरह चुभता है क्योंकि इसी दिन पाकिस्तानियों ने दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर हिंदुस्तान के सैनिकों के सामने किया था. और इस दिन के आसपास जब पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने पीओके को लेकर अपनी हैसियत से ज्यादा बात की तो पाकिस्तानियों ने खुद ही अनवरुल हक काकर को उनकी हैसियत बता दी.

काकर के बयान दुनिया के लिए कॉमेडी!

एक पाकिस्तानी ने कहा कि जो स्टेटमेंट दिया गया है, वह बेहद खराब स्टेटमेंट है. इसकी इंटरनेशल मीडिया में कोई वैल्यू नहीं है. हमारा जो असली प्राइम मिनिस्टर होता है, वो पीछे समर्थन लेकर आता है. उसकी स्टेटमेंट को भी इतनी अहमियत नहीं दी जाती है. आप तो फिर एक डमी प्राइममिनिस्टर हो. आपको तो मैं प्राइम मिनिस्टर मानता ही नहीं हूं.

डाकुओं से हारे...भारत से कैसे लड़ेंगे?

1971 में पूर्वी पाकिस्तान के लोगों ने पाकिस्तान की सेना के जुल्म से तंग आकर बगावत की थी और अब पाकिस्तान के लोगों को लग रहा है उनका देश एक और टूट की तरफ बढ़ रहा है. क्योंकि देश के कई इलाकों पर पाकिस्तान के कानून नहीं चलते. भारत की सेना के सामने सरेंडर करने वाली पाकिस्तानी सेना आजकल टीटीपी, डाकुओं और गैंगस्टरों के सामने सरेंडर है.

नवाज के उलट बयान दे रहे काकर

काकर का पीओके पर जंग का बयान उस वक्त आया है जब पाकिस्तान लौटे पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने कुछ दिन पहले ही भारत से दोस्ती को पाकिस्तान की जरूरत बताया है. नवाज शरीफ ने कहा था कि ये कैसे मुमकिन है कि आपके हमसाए आपसे नाराज हों या आप उनसे नाराज हों. और उस नाराजगी में रहकर आप दुनिया में कोई मकाम हासिल करें. अपने मामलात को हमें इंडिया के साथ भी ठीक करना है.

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