दुनिया के कई हिस्से इस समय भीषण ठंड की चपेट में हैं. इस क्रम में जहां अमेरिका में ठंड से नदियां और तालाब तक जम गए हैं, वहीं 80 साल में पहली बार न्याग्रा फॉल जनवरी के पहले हफ्ते में ही पूरी तरह जम गया. सहारा रेगिस्तान के एक हिस्से एन सफेरा में तो पहली बार बर्फबारी भी हुई.
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नई दिल्ली : दुनिया के कई हिस्से इस समय भीषण ठंड की चपेट में हैं. इस क्रम में जहां अमेरिका में ठंड से नदियां और तालाब तक जम गए हैं, वहीं 80 साल में पहली बार न्याग्रा फॉल जनवरी के पहले हफ्ते में ही पूरी तरह जम गया. सहारा रेगिस्तान के एक हिस्से एन सफेरा में तो पहली बार बर्फबारी भी हुई.
उधर, रूस भीषण ठंड की चपेट में है. यहां आलम ये है कि पारा -62 डिग्री तक पहुंच गया है. रूस के याकतस्कु प्रांत में ओम्याकॉन गांव में पारा -62 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा. इस वजह से वहां लगा डिजिटल थर्मामीटर तक टूट गया. यह तापमान मंगल ग्रह (-60 डिग्री) से भी कम है.
Happy to be in #Montreal instead of this place.
Extreme temperature of minus 62 breaks thermometer in Siberian village of Oymyakon.https://t.co/lVnJH5YvKx#winter #Video: Anastasia Gruzdeva @anastasiagav pic.twitter.com/jO7E9oSRax
— Roberto Blizzard (@VeganYogaDude) January 16, 2018
इस भीषण ठंड के चलते वहां हालात ऐसे हो गए है कि जब लोग अपने घरों से बाहर निकले तो उनकी पलक और भौं के बाल तक जम गए. रूस के ओम्याकॉन में सर्दी के मौसम में औसत तापमान -50 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहता है, लेकिन इस बार तो पारा -62 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. इस जगह करीब 500 लोग रहते हैं.
दरअसल, यहां रहने वाले लोग बहुत मौसमीय बदलावों का सामना करते हैं, जिसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है. ठंड के हालात के चलते यहां पेन की स्याही से लेकर ग्लास में पीने का पानी तक सबकुछ जम जाता है.
सर्दी के मौसम में यहां दिन में बामुश्किल सिर्फ तीन घंटे के लिए रोशनी होती है, जबकि बाकी वक्त अंधेरा छाया रहता है. हालांकि, गर्मी के मौसम में दिन के 21 घंटे रोशनी रहती है, सिर्फ तीन घंटों के लिए ही रात होती है.
बता दें कि पोर्ट सिटी के नाम से प्रसिद्ध याकतस्कु को दुनिया की सबसे ठंडी जगह माना जाता है. 2013 में नासा ने सेटेलाइट के जरिए अंटार्कटिका में -94.7 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया था. यह अभी तक का रिकॉर्ड किया गया सबसे कम तापमान है.