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न्यूयॉर्क: किसान आंदोलन (Farmers Protest) में भारत विरोधी ताकतों के शामिल होने की खबरों के बीच अमेरिका से आई एक खबर ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंकन्ना कर दिया है. अलगाववादी समूह ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने किसानों को बरगलाते हुए कहा है कि 26 जनवरी वाले दिन इंडिया गेट पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को इनाम दिया जाएगा. अलगाववादी समूह ने एक वीडियो संदेश में कहा है कि सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर प्रदर्शन कर रहे किसान यदि भारत के गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर खालिस्तान का झंडा बुलंद करते हैं, तो उन्हें भारी भरकम इनाम दिया जाएगा.
SFJ ने यह भी कहा है कि खालिस्तान मूवमेंट (Khalistan Movement) में सहयोग के लिए पूरा लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया जाएगा. अपने भड़काऊ संदेश में संगठन ने किसानों (Farmers) से कहा है कि मोदी सरकार के कृषि सुधार बिलों (Agricultural reform bills) के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए उन्हें रिपब्लिक डे परेड की अवहेलना करते हुए एक समानांतर ‘केसरी' ट्रैक्टर रैली निकालनी चाहिए. SFJ ने किसानों को लालच देते हुए आगे कहा है कि इंडिया गेट पर खालिस्तान का झंडा फहराने वाले को 250,000 अमेरिकी डॉलर का इनाम दिया जाएगा.
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SFJ के गुरपतवंत सिंह पन्नून (Gurpatwant Singh Pannun) ने यहां तक कहा है कि खालिस्तान का झंडा बुलंद करने वालों को कानूनी सहायता भी प्रदान की जाएगी. वीडियो संदेश में कहा गया है, ‘इंडिया गेट पर खालिस्तान का झंडा फहराने वालों को 1951 के UN Refugee Convention के तहत यूनाइटेड किंगडम में शरणार्थी के रूप में पुनर्वास में कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी’. बता दें कि रिफ्यूजी कन्वेंशन के तहत ऐसे लोगों को स्थायी पुनर्वास प्रदान किया जाता है, जिन्हें अपना राजनीतिक दृष्टिकोण प्रदर्शित करने के लिए सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जाता है.
SJF के जनरल काउंसल गुरपतवंत सिंह पन्नून ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) और खालिस्तान आंदोलन शांतिपूर्ण अभियान हैं, इसके बावजूद भारत सरकार इन आंदोलनों का दमन कर रही है. लेकिन वो नहीं जानती कि ऐसा करके वो खुद हिंसा को आमंत्रित कर रही है. गौरतलब है कि इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि किसान आंदोलन में खालिस्तान समर्थक भी शामिल हैं और इस आंदोलन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ किया जा सकता है.