PAK को झटका, हाफिज सईद का नाम प्रतिबंधित आतंकियों की सूची से हटाने से UN का इनकार
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PAK को झटका, हाफिज सईद का नाम प्रतिबंधित आतंकियों की सूची से हटाने से UN का इनकार

भारत के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे उन देशों ने भी सईद के अनुरोध का विरोध किया जिन्होंने मूल रूप से उसे प्रतिबंध सूची में डाला था. पाकिस्तान ने सईद की अपील का कोई विरोध नहीं किया.

जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: एक अहम घटनाक्रम में संयुक्त राष्ट्र ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद की वह अपील खारिज कर दी है जिसमें उसने प्रतिबंधित आतंकवादियों की सूची से अपना नाम हटाने की गुहार लगाई थी. सरकारी सूत्रों ने गुरूवार को यह जानकारी दी.

गौरतलब है कि यह फैसला ऐसे समय में आया है जब संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति को जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने का एक नया अनुरोध प्राप्त हुआ है. 

बीते 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए फिदाइन हमले में बल के 40 जवानों की शहादत के बाद संयुक्त राष्ट्र की समिति से अजहर पर पाबंदी लगाने की मांग की गई है. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. 

सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के भी सह-संस्थापक सईद की अपील संयुक्त राष्ट्र ने तब खारिज की जब भारत ने उसकी गतिविधियों के बारे में विस्तृत साक्ष्य मुहैया कराए. साक्ष्यों में ‘अत्यंत गोपनीय सूचनाएं’ भी शामिल थीं. उन्होंने कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में सईद के वकील हैदर रसूल मिर्जा को वैश्विक संस्था के इस फैसले से अवगत करा दिया गया. 

संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के मुखिया सईद पर 10 दिसंबर 2008 को पाबंदी लगाई थी. मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उसे प्रतिबंधित किया था. मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे.

सईद ने 2017 में लाहौर स्थित कानूनी फर्म ‘मिर्जा एंड मिर्जा’ के जरिए संयुक्त राष्ट्र में एक अपील दाखिल की थी और पाबंदी खत्म करने की गुहार लगाई थी. अपील दाखिल करते वक्त वह पाकिस्तान में नजरबंद था.

सूत्रों ने बताया कि स्वतंत्र लोकपाल डेनियल किपफर फासियाटी ने सईद के वकील को सूचित किया है कि उसके अनुरोध के परीक्षण के बाद यह फैसला किया गया है कि वह ‘सूचीबद्ध व्यक्ति के तौर पर बरकरार’ रहेगा. संयुक्त राष्ट्र ने ऐसे सभी अनुरोधों के परीक्षण के लिए डेनियल की नियुक्ति की है. 

उन्होंने बताया कि लोकपाल ने सिफारिश की कि सारी सूचनाएं इकट्ठा करने के बाद यह तय किया गया है कि पाबंदी जारी रहेगी, ‘क्योंकि (प्रतिबंध) सूची में बनाए रखने के लिए एक तार्किक एवं विश्वसनीय आधार प्रदान करने के लिए पर्याप्त सूचनाएं हैं.’ संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध समिति ने लोकपाल की सिफारिश का समर्थन किया है. 

पाकिस्तान ने सईद की अपील का विरोध नहीं किया
सूत्रों ने बताया कि भारत के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे उन देशों ने भी सईद के अनुरोध का विरोध किया जिन्होंने मूल रूप से उसे प्रतिबंध सूची में डाला था. पाकिस्तान ने सईद की अपील का कोई विरोध नहीं किया, जबकि पड़ोसी देश में इमरान खान की अगुवाई वाली नई सरकार दावा करती है कि वह ‘नया पाकिस्तान’ में प्रतिबंधित आतंकवादियों और उनके संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. 

पिछले महीने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख अजहर को प्रतिबंधित घोषित कराने की नए सिरे से कोशिश की थी. पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने खुद कबूल किया है कि अजहर पाकिस्तान में रह रहा है. जैश पहले से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन है. 

सईद की अपील पर फैसले में देरी के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि यह देरी इसलिए हुई क्योंकि समयावधि पूरी होने से पहले ही लोकपाल बदल गया था और फिर नए लोकपाल की नियुक्ति में थोड़ी देर हुई. आम तौर पर संयुक्त राष्ट्र में कोई भी अपील पंजीकृत होने के बाद छह महीने में इस पर फैसला हो जाता है. 

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