संसाधन की तंगी से UN शांति कर्मियों की कमजोर हो रही है साख: भारत
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संसाधन की तंगी से UN शांति कर्मियों की कमजोर हो रही है साख: भारत

अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘शांतिरक्षकों को अपनी तय की गई जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन दिए जाने चाहिए. 

.(फाइल फोटो)

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों में सैनिकों का सबसे ज्यादा योगदान करने वाले देशों में शामिल भारत ने यह कहते हुए शांतिरक्षण के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने का आह्वान किया है कि कम संसाधनों में शांतिरक्षक अपनी जिम्मेदारियां पूरी नहीं कर सकते. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने ‘शांतिरक्षण अभियानों पर विशेष समिति’ पर ‘विशेष चर्चा’ में हिस्सा लेते हुए सोमवार को कहा कि महासचिव की संबंधित रिपोर्ट में जिम्मेदारियों के निर्वाह पर सेना या पुलिस का योगदान करने वाले देशों के विचार प्रतिबिंबित होने चाहिए.

अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘शांतिरक्षकों को अपनी तय की गई जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन दिए जाने चाहिए.  कम से कम (संसाधनों) में शांतिरक्षकों से ज्यादा से ज्यादा काम लेने की ख्वाहिश सफलता का नुस्खा नहीं है. ’’ भारतीय राजनयिक ने कहा, ‘‘कम संसाधन वाले शांतिरक्षक अपनी तय जिम्मेदारियां पूरी करने में अक्षम रहते हैं और संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षण की साख कमजोर करते हैं. ’’

अकबरूद्दीन ने बंद कर दिए गए शांतिरक्षण मिशनों के बकाये की अदायगी का मुद्दा हल करने का आह्वान किया. 

इनपुट भाषा से भी 

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