Russia-Ukraine War: तो यह था यूक्रेनी सेना का रूस में घुसने का मकसद! जेलेंस्की ने खुद किया अपने प्लान का खुलासा
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Russia-Ukraine War: तो यह था यूक्रेनी सेना का रूस में घुसने का मकसद! जेलेंस्की ने खुद किया अपने प्लान का खुलासा

Ukraine War: यूक्रेनी सेना रूस के क्षेत्र में 6 अगस्त को अपना अभियान शुरू किया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह रूस पर सबसे बड़ा हमला था, जिससे रूस हैरान रह गया. 

Russia-Ukraine War: तो यह था यूक्रेनी सेना का रूस में घुसने का मकसद! जेलेंस्की ने खुद किया अपने प्लान का खुलासा

Ukrainian Troops on Russian Territory: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि रूस के कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सैनिकों के दाखिल होने का मकसद वहां एक ‘बफर जोन’ बनाना है, ताकि मॉस्को को सीमा पार और हमले करने से रोका जा सके. जेलेंस्की ने कुर्स्क क्षेत्र में छह अगस्त को शुरू किए गए इस साहसिक अभियान की मंशा पहली बार स्पष्ट रूप से जाहिर की है.

इससे पहले उन्होंने कहा था कि अभियान का मकसद सीमावर्ती सुमी क्षेत्र में लोगों को रूस की ओर से लगातार जारी गोलाबारी से बचाना है.

जेलेंस्की ने कहा, ‘कुल मिलाकर अब रक्षात्मक अभियानों में हमारी प्राथमिकता जितना संभव हो, रूस की युद्ध क्षमता को नष्ट करना और अधिकतम जवाबी कार्रवाई करना है. इसमें कुर्स्क क्षेत्र में हमारा अभियान शामिल है, जिसका उद्देश्य हमलावर के क्षेत्र में एक ‘बफर जोन’ बनाना है.’

6 अगस्त को शुरू हुआ यूक्रेन अभियान
अधिकारियों के मुताबिक, यूक्रेन ने छह अगस्त को शुरू किए गए अभियान के तहत सीमा पार आक्रमण तेज करते हुए पिछले वीकेंड कुर्स्क क्षेत्र में एक प्रमुख पुल को तबाह कर दिया था और उसके निकटवर्ती पुल पर हमला किया था, जिससे रूस को होने वाली सप्लाई बाधित हुई थी.

सैन्य मामलों के रूस समर्थक ब्लॉगर ने माना कि ग्लुशकोवो शहर के पास सीम नदी पर एक पुल के नष्ट होने से यूक्रेन के आक्रमण से निपटने के लिए रूसी सेना की सप्लाई बाधित हुई थी, हालांकि रूस अब भी ‘पंटून’ और छोटे पुलों का उपयोग कर सकता है.

दो दिन में दो पुलों पर हमला
यूक्रेन के वायु सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मायकोला ओलेशचुक ने शुक्रवार को एक हवाई हमले का वीडियो जारी किया था, जिसमें पुल दो टुकडों में बिखरा हुआ दिखाई दे रहा था.

ओलेशचुक और रूस के क्षेत्रीय गवर्नर एलेक्सी स्मिरनोव के अनुसार, दो दिन से भी कम समय में यूक्रेनी सैनिकों ने रूस में एक दूसरे पुल पर हमला किया.

यूक्रेन ने इससे पहले टैंकों और अन्य बख्तरबंद वाहनों से रूस में अपने हमले के दायरे और लक्ष्यों के बारे में बहुत कम जानकारी दी थी. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह रूस पर सबसे बड़ा हमला था, जिससे रूस हैरान रह गया. कई गांवों व सैकड़ों कैदियों को यूक्रेन ने अपने कब्जे में ले लिया था.

अच्छे और जरूरी परिणाम हासिल किए
जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेनी सेना ने ‘अच्छे और बहुत जरूरी परिणाम हासिल कर लिए हैं.’

जेलेंस्की पश्चिमी देशों से रूसी क्षेत्र में और अंदर स्थित टारगेट्स को निशाना बनाने के लिए उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं.

यूक्रेनी राष्ट्रपति ने शनिवार को कीव के सहयोगियों से कुर्स्क सहित अन्य क्षेत्र में स्थित लक्ष्यों पर हमले के लिए पश्चिमी हथियारों के इस्तेमाल पर लगे बाकी प्रतिबंधों को हटाने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि अगर यूक्रेनी सैनिकों को पर्याप्त दूरी के लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता हासिल हो गई, तो वे रूसी बलों को “और आगे बढ़ने तथा अतिरिक्त तबाही मचाने से रोक सकते हैं.’

(इनपुट - एजेंसी)

Photo courtesy- Reuters

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