ZEE जानकारी: दुनिया का एक देश जहां होता है सुपरफास्ट चुनाव
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ZEE जानकारी: दुनिया का एक देश जहां होता है सुपरफास्ट चुनाव

इंडोनेशिया में बुधवार को राष्ट्रपति पद के लिये वोट डाले गये हैं और आज ही इस देश को पता चल गया है कि उसका अगला राष्ट्रपति कौन बनने वाला है.

ZEE जानकारी: दुनिया का एक देश जहां होता है सुपरफास्ट चुनाव

इस बार भारत में लोकसभा चुनाव 7 चरणों में हो रहा है. इस बार डेढ़ महीने तक भारत वोट डालता रहेगा और फिर सामने आएगी देश की नई सरकार. भारत जैसा विशाल लोकतंत्र जहां की आबादी 135 करोड़ हो चुकी है...उसके लिए चुनाव के लिए इतना लंबा वक़्त जायज़ लगता है. लेकिन आज हम दुनिया के एक सुपरफास्ट चुनाव का विश्लेषण भी करना चाहते हैं क्योंकि इसमें भारत के लिए सीखने को, बहुत कुछ है.

इंडोनेशिया में आज राष्ट्रपति पद के लिये वोट डाले गये हैं और आज ही इस देश को पता चल गया है कि उसका अगला राष्ट्रपति कौन बनने वाला है. ये इंडोनेशिया का अब तक का सबसे बड़ा चुनाव है.

26 करोड़ की आबादी वाले देश इंडोनेशिया में क़रीब 19 करोड़ मतदाता हैं.
इंडोनेशिनया दुनिया का सबसे ज़्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है. यहां 90 प्रतिशत लोग मुसलमान हैं.
इंडोनेशिया द्वीपों का देश है. यहां 17 हज़ार से ज़्यादा द्वीप हैं.

इंडोनेशिया के ये द्वीप क़रीब 5 हज़ार किलोमीटर के दायरे में फैले हैं. इसलिये भौगोलिक रूप से इंडोनेशिया में चुनाव का प्रबंधन करना एक बड़ी चुनौती है. 

इस बार इंडोनेशिया में 20 हज़ार से ज़्यादा पदों के लिये मतदान हुआ. इसमें राष्ट्रपति से लेकर संसदीय सीट और स्थानीय पदों के लिये दो लाख 45 हज़ार से ज़्यादा उम्मीदवार थे. इंडोनेशिया के चुनाव में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ है. यहां लोग 17 वर्ष की उम्र से मतदान कर सकते हैं. इंडोनेशिया में 17 वर्ष से 35 वर्ष के आयु वर्ग में 40 प्रतिशत आबादी है. 

इंडोनेशिया में आज सुबह 7 बजे मतदान शुरू हुआ और दोपहर एक बजे मतदान ख़त्म हो गया. यानी मतदाताओं के पास सिर्फ 6 घंटे थे. और इसके बाद शुरू हुआ quick count का दौर...ये आधिकारिक मतगणना नहीं है, लेकिन अब तक मिली रिपोर्ट के मुताबिक़ 50 प्रतिशत वोटों की गिनती के बाद पता चला है कि मौजूदा राष्ट्रपति जोको विडोडो (Joko Widodo) इस चुनाव में सबसे आगे हैं.

उन्हें अब तक की मतगणना में 56 प्रतिशत वोट मिले हैं...जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पूर्व जनरल प्राबोवो सुबिआंतो (Prabowo Subianto) को 43 प्रतिशत लोगों ने वोट दिया है. यानी इंडोनेशिया को पता चल गया है कि उनका अगला राष्ट्रपति कौन होगा. हालांकि इस चुनाव के अंतिम आधिकारिक नतीजे आने में अभी एक महीने का वक़्त लग सकता है.

इंडोनेशिया के सुपरफास्ट election के Bullet Train वाले नतीजों को Quick Count कहा जा रहा है.
इन नतीजों की घोषणा सर्वे करने वाले विभिन्न संस्थान करते हैं. अब तक 80 प्रतिशत सैंपल गिने जाने के बाद राष्ट्रपति जोको विडोडो को 56 प्रतिशत वोट मिले हैं. 2014 में हुए चुनाव को देखते हुए ये उनके लिये मामूली बढ़त है. अगर आख़िरी आधिकारिक नतीजे भी उनके पक्ष में आते हैं, तो ये उनका दूसरा कार्यकाल होगा.

इंडोनेशिया में इस बार 8 लाख से ज़्यादा पोलिंग स्टेशन बनाये गये जिसमें लोगों ने बैलट पेपर के ज़रिये वोट डाला. इंडोनेशिया में बैलट पेपर पर मुहर नहीं लगाई जाती, बल्कि मतदाता बैलट पेपर में छेद करके अपने पसंदीदा उम्मीदवार को चुनते है. हर पोलिंग स्टेशन में औसतन क़रीब ढाई सौ वोटर होते हैं. जबकि भारत जैसे देश में ये संख्या हज़ारों में होती है.

भारत की तरह इंडोनेशिया में भी मतदाताओं की उंगलियों में स्याही लगाई जाती है...बस फ़र्क़ इतना है कि इंडोनेशिया में स्याही भी हलाल होती है. इसे Halal Ink कहा जाता है. 

ऐसा नहीं कि इंडोनेशिया में मतदान में गड़बड़ी को लेकर आशंका नहीं रहती. भारत की तरह इंडोनेशिया में भी वोटों को नोटों के ज़रिये ख़रीदा जाता है. मतदाताओं को चावल से लेकर रोज़मर्रा के सामान तक का लालच दिया जाता है.

हालांकि मतगणना में विवाद ख़त्म करने के लिये यहां सामूहिक रूप से वोट गिने जाते हैं.

भारत में मतदान के बाद EVM को एक मतगणना सेंटर तक लाया जाता है...जबकि इंडोनेशिया में मतदान के फौरन बाद पोलिंग स्टेशन में वोट गिनने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. यानी इधर वोटिंग ख़त्म हुई...और उधर नतीजे आने शुरू हो गये.

भारत में 19 मई को सातवें यानी आख़िरी चरण के लिये वोट डाले जाएंगे...और फिर 4 दिन बाद वोटों की गिनती शुरू होगी. ये सस्पेंस वाले वो पल होते हैं, जब जीत और हार का तराज़ू ऊपर नीचे होता रहता है, नेताओं के दिल की धड़कन बढ़ी रहती है. 

वैसे सुपरफास्ट election के मोर्चे पर ब्राज़ील, रशिया और इज़रायल भी एक मिसाल हैं. जहां मतदान के तुरंत बाद नतीजे आना शुरू हो जाते हैं. हालांकि भारत के चुनाव प्रबंधन की तुलना इन देशों से करना जायज़ नहीं है

भारत की आबादी इंडोनेशिया से 5 गुना ज़्यादा है. जबकि इज़रायल की आबादी तो सिर्फ 88 लाख है. 

इस वक़्त भी इंडोनेशिया में चुनाव की प्रक्रिया जारी है. इस दौरान अंतरराष्ट्रीय न्यूज़ चैनल Wion से बातचीत में भारत में इंडोनेशिया के राजदूत सिद्धार्तो सुर्योदि-पुरो ने कहा है कि वो भारत में EVM के इस्तेमाल से बहुत कुछ सीख सकते हैं.

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