Basant Panchami 2023 Date बसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रूप में भी जाना जाता है. इस दिन देवी सरस्वती की पूजा करने का विषेश महत्व है. हिंदी पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि या माघ मास की पंचमी तिथि को पड़ने वाली इस तिथि को देश के दक्षिणी भागों में श्री पंचमी व सरस्वती पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. बसंत पंचमी के 40 दिन बाद होली का त्योहार मनाया जाता है.
इस साल बसंत पंचमी का त्योहार 26 जनवरी को मनाया जाएगा. बसंत पंचमी 25 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 26 जनवरी को सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगी. हालांकि बसंत पंचमी के पूरे दिन को ही शुभ माना जाता है, लेकिन पूजा करने का सही समय सुबह का है.
बसंत पंचमी का महत्व
हिंदू धर्म में पौराणिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन ही विद्या और संगीत की देवी सरस्वती का जन्म हुआ था. इसलिये इस दिन को ज्ञान की देवी मां सरस्वती के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह दिन बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन लोग नया काम शुरू करते हैं और शादी के लिए दिन शुभ माना जाता है.
बसंत पंचमी पर कैसे करें सरस्वती पूजा?
देवी सरस्वती की मूर्ति को लकड़ी की चौकी पर रखें और उन्हें पीले कपड़े पहनाएं.
पूजा स्थल को रंगोली से सजाएं.
एक जलता हुआ तेल का दीपक दाईं ओर रखें.
देवी सरस्वती का ध्यान करें.
देवी को घी, शहद, दही, गाय का दूध और गुड़ से बने पंचामृत का भोग लगाएं.
मूर्ति को गंगाजल अर्पित करें और हल्दी, चंदन, कुमकुम, सिंदूर और फूलों लढ़ाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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