नई दिल्ली: वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना के मामले में शुक्रवार को देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई. अदालत ने प्रशांत भूषण को कोर्ट ऑफ कन्टेम्प्ट के मामले में दोषी माना है. मतलब साफ है प्रशांत भूषण पर न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप साबित हो गया है.
बढ़ गई प्रशांत भूषण की मुसीबत
सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण को अवमानना का दोषी माना है. तो वहीं अब प्रशांत भूषण की सजा पर 20 अगस्त को बहस होगी. दरअसल, अदालत ने ये कार्रवाई भूषण के 2 विवादित ट्वीट को लेकर की है. ये विवादित ट्वीट वर्तमान CJI और 4 पूर्व CJI को लेकर किए गए थे. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया और प्रशांत भूषण के खिलाफ नोटिस जारी किया. तो वहीं भूषण की तरफ से दलील दी गई थी कि जज की आलोचना SC की अवमानना नहीं है.
सबसे पहले अदालत ने प्रशांत भूषण के खिलाफ नोटिस जारी करके जवाब मांगा था. जिसके बाद दलील दी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भूषण की दलील को खारिज कर दिया. अवमानना की ये कार्रवाई न्यायपालिका खासकर सुप्रीम कोर्ट को लेकर किए गए विवादित ट्वीट पर की गई है. हालांकि अभी सजा सुनाई जानी बाकी है. 20 अगस्त को सजा पर बहस के बाद प्रशांत भूषण की सजा का ऐलान किया जाएगा.
'अपमान वाली आदत' का अंत कब?
आपको बता दें, ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब अपनी करतूत के चलते प्रशांत भूषण मुसीबत में घिर गए हैं. इससे पहले साल 2009 में भी वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को केस चल रहा है. इसे लेकर सर्वोच्च न्यायालय की आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज हुआ था.
फिलहाल विवादित ट्वीट के मामले की सुनवाई जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच कर रही है. भूषण ने सुप्रीम कोर्ट पर आपत्तिजनक ट्वीट किए. लेकिन सवाल तो वही है कि आखिरकार भूषण की इस 'अपमान वाली आदत' का अंत कब होगा?
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वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना मामले में आज सुनवाई हुई. अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत भूषण को दोषी माना है. प्रशांत भूषण पर न्यायपालिका के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की. जिसे लेकर अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में अब सजा के लिए बहस होगी. सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए आपराधिक अवमानना का मामला दर्ज किया. अब हर किसी की निगाहें इस बात पर टिकी है कि आखिरकार सर्वोच्च अदालत की अवमानना करने वाले प्रशांत भूषण को क्या सजा सुनाई जाती है.
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