न्यायपालिका में बढ़ने वाली है महिलाओं की भागीदारी, सीजेआई यूयू ललित ने किया ऐलान

देश के प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित (UU Lalit) ने न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या में वृद्धि की बात कही है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 10, 2022, 09:15 PM IST
  • सीजेआई ने महिलाओं को लेकर कही ये बड़ी बात
  • 'न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या अधिक होगी'
न्यायपालिका में बढ़ने वाली है महिलाओं की भागीदारी, सीजेआई यूयू ललित ने किया ऐलान

नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) यू. यू. ललित (Uday Umesh Lalit) ने कहा है कि निकट भविष्य में न्यायपालिका की शोभा बढ़ाने वाली महिलाओं की संख्या अधिक होगी.

'महिलाओं को बड़ी संख्या में आगे आना चाहिए'
उन्होंने शनिवार को यहां डॉ बी. आर. आंबेडकर राजकीय विधि महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह के समापन सत्र को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन द्वारा समारोह में की गई इस अपील का उल्लेख किया कि कानून की पढ़ाई में महिलाओं को बड़ी संख्या में आगे आना चाहिए तथा महिला न्यायाधीशों की संख्या और अधिक होनी चाहिए.

न्यायमूर्ति ललित ने कहा कि ओडिशा, झारखंड, राजस्थान और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों में न्यायपालिका में महिलाओं की संख्या पहले से ही अच्छी-खासी है. प्रधान न्यायाधीश ने कहा, 'मैं उपराज्यपाल को आश्वासन देता हूं कि राजस्थान, झारखंड, तमिलनाडु और ओडिशा सहित पांच राज्यों में मेरी जानकारी के अनुसार, शुरुआती स्तर पर महिला न्यायाधीशों की संख्या पुरुषों की तुलना में कहीं अधिक है.'

राजस्थान, ओडिशा तथा झारखंड का दिया उदाहरण
न्यायमूर्ति ललित ने कहा, 'उदाहरण के लिए, राजस्थान में 180 न्यायाधीशों में से शुरुआती स्तर पर 129 महिला न्यायाधीश हैं और यह संख्या ओडिशा तथा झारखंड में बहुत बड़ी है.'

उन्होंने सुझाव दिया कि विधि महाविद्यालयों में 'न्यायिक निर्णय' का विषय शामिल किया जाना चाहिए, जो युवा वकीलों को अपनी प्रतिभाओं के फलने-फूलने के लिए संस्थानों से बाहर निकलने में मदद करेगा.

किसे न्यायाधीश नियुक्त करने की हुई अपील?
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि न्यायिक निर्णय के विषय को कुछ राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में शामिल किया गया है. इस अवसर पर न्यायमूर्ति ललित ने एक स्मारिका का भी विमोचन किया. विधि महाविद्यालय के पूर्व छात्र मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने कहा कि क्षेत्रीय प्रशासन यहां पेरिया कलापेट के नजदीक विधि महाविद्यालय के पास एक विधि विश्वविद्यालय स्थापित करने की दिशा में बढ़ रहा है.

रंगासामी ने कहा कि पुडुचेरी सरकार युवा वकीलों को उनकी प्रैक्टिस के शुरुआती चरण में 9,000 रुपये की मासिक सहायता प्रदान कर रही है. उन्होंने पुडुचेरी के वकीलों को भी पदोन्नत करके मद्रास उच्च न्यायालय में बतौर न्यायाधीश नियुक्त करने की अपील भी की.

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