नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून पारित होने से पहले ही विवाद में था. अब पारित होने के बाद यह गले की हड्डी बन गया है. इसको लेकर देश के कई हिस्सों में जिस तरह का उग्र प्रदर्शन हो रहा है, वह रोज ही सुर्खियों में रहता है. अब इस मामले में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद रावन भी नप गए हैं. जामा मस्जिद के पास हिंसा भड़काने के मामले में भीम आर्मी के कमांडर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद आज उन्होंने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में जमानत की अर्जी डाली थी.
Delhi: Bhim Army Chief, Chandrashekhar Azad being taken to Tihar jail from Tis Hazari Court. He has been sent to 14-day judicial custody. He was earlier denied permission for a protest march from Jama Masjid to Jantar Mantar. https://t.co/7e1OzzgA1U pic.twitter.com/IzlWJtMRtZ
— ANI (@ANI) December 21, 2019
जमानत की अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया. इतना ही नहीं चंद्रशेखर को 14 दिन के न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश जारी किया गया है. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को तीस हजारी कोर्ट ने तिहार जेल में स्थानतरित करने का आदेश दिया है.
क्या है पूरा मामला जिसमें नपे आजाद ?
दरअसल, यह पूरा मामला पिछले दिनों जामा मस्जिद पर भड़के हिंसा का है. जामा मस्जिद पर कानून का विरोध करने इकठ्ठा हुई भीड़ तब तक शांत थी जब तक भीम आर्मी के चंद्रशेखर नहीं पहुंचे थे. उनके पहुंचते ही भीड़ धीरे-धीरे उग्र होने लगी. देखते ही देखते कुछ देर में हाथापाई शुरू हो गई और पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा.
पुलिस ने किया था मना फिर भी पहुंचे आजाद
Bail plea of Bhim Army Chief, Chandrashekhar Azad dismissed by Tis Hazari Court. He has been sent to 14-day judicial custody. https://t.co/7e1OzzgA1U
— ANI (@ANI) December 21, 2019
इससे पहले आजाद को जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक हो रहे विरोध प्रदर्शन में आने से मना किया गया था. लेकिन इसके बावजूद वे नहीं माने और वहां पहुंच गए. अदालत में जमानत याचिका को खारिज किए जाने के पीछे तीस हजारी कोर्ट का यहीं तर्क था.