दिल्ली के अस्पताल में बढ़ रहे हैं ‘म्यूकोरमाइसिस’ के मामले

‘म्यूकोरमाइसिस’ कोविड-19 से होने वाला एक फंगल संक्रमण है. इस बीमारी में रोगियों की आंखों की रोशनी जाने और जबड़े तथा नाक की हड्डी गलने का खतरा रहता है. ये एक फंगल डिजीज है. जो म्यूकरमाइसिस नाम के फंगाइल से होता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 7, 2021, 04:06 PM IST
  • ‘म्यूकोरमाइसिस’ कोविड-19 से होने वाला एक फंगल संक्रमण है
  • बीते साल इस घातक संक्रमण में मृत्यु दर काफी अधिक रही थी
दिल्ली के अस्पताल में बढ़ रहे हैं ‘म्यूकोरमाइसिस’ के मामले

नई दिल्लीः दिल्ली के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल के डॉक्टर कोविड-19 से उत्पन्न ‘म्यूकोरमाइसिस’ मामलों में वृद्धि देख रहे हैं. अस्पताल के एक बयान में यह जानकारी दी गई है.

क्या है ‘म्यूकोरमाइसिस’
‘म्यूकोरमाइसिस’ कोविड-19  (mucormycosis covid) से होने वाला एक फंगल संक्रमण है. इस बीमारी में रोगियों की आंखों की रोशनी जाने और जबड़े तथा नाक की हड्डी गलने का खतरा रहता है. ये एक फंगल डिजीज है. जो म्यूकरमाइसिस नाम के फंगाइल से होता है.

ये ज्यादातर उन लोगों को होता है, जिन्हें पहले से कोई बीमारी हो या वो ऐसी मेडिसिन ले रहे हों जो बॉडी की इम्यूनिटी को कम करती हों या शरीर के दूसरी बीमारियों से लड़ने की ताकत कम करती हों. ये शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है.

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ब्लैक फंगस के लक्षण 
शरीर के जिस हिस्से में इंफेक्शन है उस पर इस बीमारी के लक्षण (mucormycosis symptoms) निर्भर करते हैं. चेहरे का एक तरफ से सूज जाना, सिरदर्द होना, नाक बंद होना, उल्टी आना, बुखार आना, चेस्ट पेन होना, साइनस कंजेशन, मुंह के ऊपर हिस्से या नाक में काले घाव होना, जो बहुत ही तेजी से गंभीर हो जाते हैं.

सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हुए मरीज
सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ नाक कान गला (ईएनटी) सर्जन डॉक्टर मनीष मुंजाल ने कहा, हम कोविड-19 से होने वाले इस खतरनाक फंगल संक्रमण के मामलों में फिर से वृद्धि देख रहे हैं. बीते दो दिन में हमने म्यूकोरमाइसिस से पीड़ित (mucormycosis covid) छह रोगियों को भर्ती किया है.

बीते साल इस घातक संक्रमण में मृत्यु दर काफी अधिक रही थी और इससे पीड़ित कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी तथा नाक और जबड़े की हड्डी गल गई थी.’’

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मधुमेह के रोगियों हो रहा है ब्लैक फंगस
अस्पताल में ईएनटी विभाग के अध्यक्ष डॉ.अजय स्वरूप ने कहा कि COVID-19 के उपचार में स्टेरॉयड का उपयोग इस बात को ध्यान में रखकर किया जाता है कि कई कोरोनोवायरस के मरीजों को डायबिटीज होता है, जो ब्लैक फंगस की संख्या में वृद्धि का एक कारण हो सकता है.

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