अपनी मांगों पर अड़े किसान संगठन, चर्चा करने के लिए केंद्र ने मांगे 5 नाम

संयुक्त किसान मोर्चे से बात करने के लिए मोदी सरकार ने पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 30, 2021, 09:48 PM IST
  • किसान संगठन 4 दिसंबर को लेंगे फैसला
  • संयुक्त किसान मोर्चे से बात करने के लिए केंद्र ने मांगे 5 नाम
अपनी मांगों पर अड़े किसान संगठन, चर्चा करने के लिए केंद्र ने मांगे 5 नाम

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानून वापस लेने के बाद भी किसानों और सरकार के बीच गतिरोध कम होता नजर नहीं आ रहा है. मोदी सरकार ने तीनों कानून संसद के रास्ते भी वापस ले लिए हैं. अब किसान संगठन एमएसपी से संबंधित मसले पर अड़े हुए हैं. 

संयुक्त किसान मोर्चे से बात करने के लिए केंद्र ने मांगे 5 नाम

संयुक्त किसान मोर्चे से बात करने के लिए मोदी सरकार ने पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं. किसान नेता दर्शन पाल ने इस खबर कि पुष्टि करते हुए कहा कि 5 नामों को लेकर हमारे एक साथी के पास एक फोन आया था, सरकार ने एमएसपी से संबंधित मसले पर बात करने के लिए पांच प्रतिनिधियों के नाम मांगे हैं.

हालांकि दर्शन पाल ने सरकार के काम करने के तरीके पर भी नाराजगी व्यक्त की उन्होंने कहा कि सरकार का काम करने के तरीका बेहद गलत है यदि सरकार को 5 नाम चाहिए तो एसकेएम को आधिकारिक पत्र लिख नाम मांगने चाहिए, पता नहीं सरकार ऐसा क्यों नहीं करती है ? अभी हमारे पास एक फोन और भी आया है कि हरियाणा के किसानों के ऊपर से मुकदम्मे हटाए जाएंगे, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है.

किसान संगठन 4 दिसंबर को लेंगे फैसला

उन्होंने आगे बताया कि हम 5 लोगों के नामों को लेकर 4 दिसंबर को फैसला लेंगे, बुधवार को होने वाली बैठक में इसपर फैसला नहीं करेंगे.

जानकारी के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से पंजाब के एक संगठन के पास 5 मांगो को लेकर फोन आया, वहीं अधिकतर किसान नेताओं को फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है.

MSP पर कानून बनाने की मांग 

दरअसल तीनों कानून वापसी के बाद किसान अब मांग कर रहें हैं कि, सरकार एमएसपी गारंटी का कानून बनाए, किसानों पर दर्ज केस वापस ले, जिन किसानों की आंदोलन के दौरान मौत हुई है उन्हें मुआवजा दिया जाए.

इसके अलावा लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग को लेकर भी किसानों ने सरकार से कहा है.

दिल्ली की सीमाओं पर किसानों को प्रदर्शन करते हुए एक साल हो चुका है. वहीं किसानों ने अब तक आंदोलन वापस नहीं लिया है.

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किसान अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग पर अड़े हुए हैं. सरकार किसान संगठनों के साथ एमएसपी को लेकर जल्द चर्चा करेगी.

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