नई दिल्ली:Rajasthan Congress crisis: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थकों ने रविवार को सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के खिलाफ नारेबाजी की तो दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी सूत्रों ने जानकारी दी कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली तलब किया गया है. राजस्थान में विधायकों के राजनीतिक ड्रामे से कांग्रेस आलाकमान परेशान है. सोनिया गांधी ने अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को नाराज विधायकों के साथ आमने-सामने बातचीत करने का निर्देश दिया था, लेकिन बात नहीं बनी और देर रात विधायक घर लौट गए.
गहलोत क्या कह रहे
माना जा रहा है कि, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए रेस में शामिल गहलोत ने पार्टी नेतृत्व से कहा था कि उनके हाथ में कुछ भी नहीं है और यह विधायकों को तय करना है. रविवार को उस समय राजस्थान की सियासत में नया मोड़ देखा गया जब गहलोत समर्थित 70 विधायक राज्य मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एकत्र हो गए ताकि पायलट को उत्तराधिकारी की दौड़ से बाहर करने की रणनीति बनाई जा सके. हालांकि विधायक बार बार कह रहे थे कि वे राहुल गांधी और सोनिया गांधी का हर निर्देश मानने को तैयार हैं.
विधायकों की मांग
-कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद तय हो राजस्थान का सीएम
-सीएम उम्मीदवार की घोषणा 18 अक्टूबर के बाद की जाए
-सचिन पायलट की बगावत के दौरान जिन्होंने सरकार बचाई, उन विधायकों में से कोई बने सीएम
-सीपी जोशी को भी सीएम बनाने की हो रही मांग
92 विधायकों के साथ होने का दावा
राज्य मंत्री प्रताप खाचरियावास के अनुसार, 92 विधायक एक साथ हैं और उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, हमें अपना नेता चुनने का पूरा अधिकार है और हम अपना नेता तय करेंगे. अगर उन्हें नहीं सुना गया तो ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष सी.पी. जोशी को अपना इस्तीफा सौंप देंगे.
राज्य कांग्रेस में दरार उजागर
रिपोर्ट के मुताबिक अगले मुख्यमंत्री पर फैसला लेने के लिए होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के धड़े के विधायक शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर एकत्र होने से कांग्रेस विधायकों में दरार साफ नजर आ रही है.
क्या रहा पूरा राजनीतिक घटनाक्रम
इस बैठक में करीब 50 विधायक मौजूद रहे और उन्हें लग्जरी बस में एक साथ सीएलपी की बैठक में जाना था. धारीवाल के बंगले पर पहुंचे निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले गहलोत को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर गहलोत के अलावा किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो निर्दलीय विधायक अपना समर्थन वापस ले लेंगे.
क्या कह रहे मंत्री
मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि गहलोत को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, उन्हें बदला नहीं जाना चाहिए. मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा, हम चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बने रहें, संयम लोढ़ा एक अनुभवी व्यक्ति हैं, उन्होंने जो कुछ भी कहा है, वह सोचने के बाद कहा है. इस बीच, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों ने अपनी अगली रणनीति पर बातचीत करने के लिए उनके घर पर मुलाकात की.
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