बेंगलुरु: मध्य प्रदेश में सियासी संकट के बीच सभी की नजरें उन बागी विधायकों पर टिकी हैं जिन्होंने कमलनाथ सरकार को संकट में डाल दिया है. सिंधिया गुट के ये विधायक लगातार कह रहे हैं कि वे किसी भी कीमत पर कमलनाथ सरकार का समर्थन नहीं करेंगे. इसके बावजूद कांग्रेस नेता उन्हें मनाने की लिये तरह तरह के ड्रामे कर रहे हैं.
शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा. बीजेपी नेता ने अदालत में गुहार लगाकर कमलनाथ सरकार का बहुमत परीक्षण जल्द करवाने की मांग की है. बता दें कि 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में है.
हिरासत में लिये गये दिग्विजय सिंह
विधायक निजी नागरिक नहीं हैं। वो लाखों जनता/ वोटरों के प्रतिनिधि हैं।
विधायक को अगर कोई संकट है तो संवैधानिक व्यवस्था है कि वे स्पीकर को मिलें, या सदन पटल पर बोलें या पार्टी के अधिकृत प्रतिनिधियों से कहें।
अन्य कोई भी तरीक़ा लोकतंत्र का अपहरण है।— digvijaya singh (@digvijaya_28) March 18, 2020
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने उस रिजॉर्ट के पास धरना देना शुरू कर दिया था जहां पर कांग्रेस के बागी विधायक ठहरे हुए हैं. दिग्विजय सिंह के साथ कई अन्य नेताओं को भी हिरासत में लिया है जो बेंगलुरु के रिजॉर्ट के पास धरने पर बैठे थे. हिरासत में लिए गए दिग्विजय सिंह ने पुलिस स्टेशन में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी है. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतंत्र की हत्या की जा रही है और उन्हें विधायकों से नहीं मिलने दिया जा रहा है.
सिंधिया ही हमारे नेता- बागी विधायक
सिंधिया गुट के बागी विधायकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपना नेता बताया है. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन विधायकों को बंदी बनाया है जो कि सरकार के खिलाफ अपनी भावनाएं जाहिर करना चाहते हैं. हमें किसी ने बंधक नहीं बनाया है, हम अपनी मर्जी से यहां पर रुके हैं. इमरती देवी ने कहा कि अगर सिंधिया जी हमसे कुएं में भी कूदने को कहेंगे तो हम वही करेंगे.
ये भी पढ़ें- राज्यपाल से मिले शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ के फैसलों पर रोक लगाने की मांग
16 विधायकों के इस्तीफे स्पीकर के पास विचाराधीन
Karnataka: Madhya Pradesh Congress leader Digvijaya Singh arrived in Bengaluru, early morning today. He was received by Congress state president DK Shivakumar. 21 MP Congress MLAs are currently lodged at Ramada hotel in the city. pic.twitter.com/rszii2blVr
— ANI (@ANI) March 18, 2020
सिंधिया गुट के 22 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद स्पीकर 6 विधायकों के इस्तीफे तो स्वीकार कर चुके हैं लेकिन 16 विधायकों के इस्तीफों पर वे कमलनाथ सरकार की जुबान बोल रहे हैं और समय निकाल रहे हैं ताकि सरकार को संजीवनी मिल सके. स्पीकर लगातार कह रहे हैं कि बागी विधायकों को उनसे मिलना चाहिये. लेकिन सवाल उठता है कि अगर बागी विधायकों के मिलने के बाद ही इस्तीफे स्वीकार होंगे तो 6 बागी विधायकों के इस्तीफे क्यों स्वीकार कर लिये.
ये भी पढ़ें- बागी विधायक बोले 'हमें बंधक नहीं बनाया गया, जो सिंधिया जी कहेंगे वही करेंगे'