नई दिल्ली: किसान आंदोलन (Farmer Protest) पर ट्वीट करने वाली ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया है, लेकिन ये मामला ग्रेटा के खिलाफ नहीं दर्ज किया गया है. इस FIR में किसान आंदोलन को लेकर आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगा है, उन्होंने भड़काऊ ट्वीट किया था. बड़ी हस्तियों से ट्वीट करवाकर मोदी सरकार को बदनाम करने की साजिश का खुलासा हुआ है.
ग्रेटा के खिलाफ दिल्ली में FIR नहीं
- धारा 120B-आपराधिक साजिश करना
- धारा 153A-लोगों के बीच नफरत फैलाना
- पर्यावरण एक्टिविस्ट हैं स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग
लेकिन दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में साफ किया है कि ये FIR ग्रेटा के खिलाफ नहीं है. दिल्ली पुलिस FIR में ग्रेटा थनबर्ग के नाम पर दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने कहा कि हमने FIR में किसी का नाम नहीं है, यह केवल टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ है, जो जांच का विषय है। दिल्ली पुलिस उस मामले की जांच करेगी.
ग्रेटा का प्रोपगैंडा EXPOSED हो गया है कि ग्रेटा ने ट्वीट कर के लिखा था भारत में प्रदर्शन किए जाएं, फिर 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली गई और लाल किले में हिंसा हुई. ग्रेटा ने ट्वीट करके लिखा कि भारत के दूतावास का घेराव करें और फिर वांशिंगटन में भारतीय दूतावास का घेराव किया गया. तीसरी बात ट्वीट में लिखा हैशटैग बनाकर समर्थन करें और फिर हैश टैग Stand With Farmers ट्रैंड करने लगा. इसके बाद वीडियो और फोटो शेयर करने को कहा गया, 3 फरवरी से अंतराष्ट्रीय दुष्प्रचार शुरू हो गया.
Here’s an updated toolkit by people on the ground in India if you want to help. (They removed their previous document as it was outdated.)#StandWithFarmers #FarmersProtesthttps://t.co/ZGEcMwHUNL
— Greta Thunberg (@GretaThunberg) February 3, 2021
भारत को बदनाम करने का ब्लूप्रिंट आपको बताते हैं. भारत को बदनाम करने की खालिस्तानी संगठनों ने साजिश रची थी, जिसमें सिख फॉर जस्टिस भी साजिश में शामिल है. कनाडा, UK और अमेरिका का पाकिस्तानी दूतावास साजिश में शामिल है. ISI ने साजिश के लिए PR एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, बड़ी हस्तियां के ट्विटर हैंडल के जरिये बदनाम करने का प्लान बनाया जा रहा है.
(सूत्र)
BJP नेता मिनाक्षी लेखी ने ग्रेटा थनबर्ग पर निशाना साधा है और कहा है कि हमें जिस षड्यंत्र का अंदेशा था, उसके सबूत सामने आए. वह सिर्फ एक बच्ची है, मुझे आश्चर्य है कि उसका नाम आखिर कैसे नोबल पुरस्कार के लिए दे सकते हैं. जिसे ना तो खेती के बारे में जानकारी है, वॉटर रिसोर्स मैनेजमेंट के बारे में नहीं पता है. उसे नॉमिनेट भी कैसे कर सकते हैं, ये हमारे समाज के लिए बेहद शर्मनाक बात है.
ग्रेटा की हरकतें एक-एक करके सबके सामने आ रही हैं, इसके बावजूद वो अपनी थेथरलॉजी प्रस्तुत करने की कोशिश कर रही हैं. तभी तो उन्होंने एक बार फिर ट्वीट करके लिखा है कि 'मैं अब भी किसानों के साथ खड़ी हूं और उनके शांतिपूर्ण विरोध का समर्थन करती हूं. नफरत, धमकी या मानवाधिकारों के उल्लंघन की कोई अधिकार बदल नहीं जाएगा.'
ग्रेटा थनबर्ग का ट्वीट जिसे हम साजिश का ब्लूप्रिंट भी कह सकते हैं उसमें बीजेपी को फासीवादी पार्टी करार दिया है, जो इस बात की तरफ साफ इशारा करता है कि वो किसी प्रोपेगेंडा मुहिम का हिस्सा हैं. इस ट्वीट के जरिए ही बताया गया कि भारत सरकार पर किस तरह से दबाव बनाया जा सकता है और इस ट्वीट में इसकी पूरी प्लानिंग भी साझा की है. जो बड़े प्रोपेगेंडा मुहिम से जुड़ी नजर आ रही है.
इस ट्वीट में 23 जनवरी से लेकर 14 फरवरी किसान आंदोलन पर जो कुछ होना है. सबकी जानकारी दी गई थी और अब तक सब कुछ वैसा ही हुआ है. हालांकि थोड़ी देर बाद ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया, लेकिन साजिश खुल चुकी थी. कुछ घंटो बाद दोबारा ट्वीट किया गया लेकिन इस बार पुरानी साजिशों की कहानियां गायब थीं. लेकिन ग्रेटा ने साबित कर दिया भारत के खिलाफ किस तरह कुछ बड़ी ताकतें साजिश रच रही हैं.
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इंटरनेशनल साजिश को समझिए
इंटरनेशनल दुष्प्रचार की साजिश का खुलासा उस वक्त हो गया जब ग्रेटा थनबर्ग ने वो डाक्युमेंट ट्वीट कर दिया. जिसमें पूरी साजिश का ब्लूप्रिंट मौजूद था. थोड़ी दर बाद ग्रेटा ने इस ट्वीट को हटा दिया, लेकिन तब तक ग्रेटा का प्लान EXPOSE हो चुका था. कुछ ही घंटों के बाद ग्रेटा ने दूसरा ट्वीट किया और इस बार भी भारत के खिलाफ लोगों को भड़काया गया था, लेकिन इस इंटरनेशल साजिश के खिलाफ इस वक्त पूरा देश एकजुट है.
ग्रेटा ने बताया कि आंदोलन का हिस्सा बनें, हैशटैग के साथ वीडियो बनाएं. कितने तरह-तरह के उपाय वैश्विक स्तर पर अपनाए जा रहे हैं. जो-जो इसमें लिखा है वैसा ही न्यूयॉर्क, ब्रिटेन, वॉशिंगटन डीसी जैसी जगहों पर हुआ भी है. इसमें ग्रेटा थनबर्ग ने अपील की है कि ग्लोबल ट्वीट अभियान का हिस्सा बनें. 23 जनवरी को सवाल-जवाब का सेशन होगा. अगले पेज पर हस्ताक्षर अभियान चलाने की बात की गई है. ये तक लिखा है कि अंबानी-अडानी को पैसा नहीं देना है, क्योंकि वो सरकार के साथ हैं. औऱ आखिरी पेज पर लिखा कि प्रहार वहां करो, जहां चोट लगे. इसके क्या मायने हैं, ये आप समझ ही गए होंगे. इसलिए ये सवाल उठना लाजमी है कि ये आंदोलन संयोग नहीं, 'अंतरराष्ट्रीय प्रयोग'?
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ट्रैक्टर मार्च में हिंसा हुई, न्यूयॉर्क में प्रदर्शन हुआ, खालिस्तान के झंडे दिखे, भारतीय दूतावासों को घेरा गया, सोशल मीडिया पर साजिश रची जा रही. ये दिखाता है कि कैसे आंदोलन की आड़ में भारत के खिलाफ एक साथ कई देशों में साजिश हो रही थी. ग्रेटा के डाक्युमेंट के अगले पेज पर लिखा था कि भारतीय दूतावास और सरकारी संस्थानों में प्रदर्शन करना होगा. बड़ा अभियान ट्विटर STORM चलाएंगे. सरकारी अधिकारियों को फोन करें.
इससे पहले इंटरनेशनल पॉप स्टार रिआना ने किसान आंदोलन के पक्ष में ट्वीट किया इसके बाद स्वीडन की मानवाधिकार कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग और फिर अमेरिकन मॉडल और पॉर्न स्टार मिया खलीफा ने भी एक जैसा ट्वीट करके साबित कर दिया कि भारत के खिलाफ इंटरनेशनल दुष्प्रचार की बड़ी साजिश रची जा रही है, लेकिन ज़ी हिन्दुस्तान ये बताना चाहता है कि ये नया हिन्दुस्तान है कोई भी साजिश भारत को तोड़ने में कामयाब नहीं हो पाएगी, इसलिए अपनी हद में रहो..
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