जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख के मुद्दे पर चीनी विदेश मंत्री से की समाधान की वकालत

दुशान्बे में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन से इतर एक बैठक में गुरुवार को भारत व चीन के विदेश मंत्रियों ने क्षेत्र में वर्तमान हालात पर विचारों का आदान-प्रदान किया.   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 17, 2021, 01:24 PM IST
  • भारत ने कहा, संबंधों को तीसरे देश के नजरिए से न देखे चीन
  • दोनों पक्षों ने लंबित मुद्दों के समाधान पर चर्चा की सहमति जताई
जयशंकर ने पूर्वी लद्दाख के मुद्दे पर चीनी विदेश मंत्री से की समाधान की वकालत

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) से पूर्वी लद्दाख में लंबित मुद्दे के जल्द समाधान की वकालत की. उन्होंने वांग यी से कहा कि दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से संबंधित लंबित मुद्दों का जल्द समाधान निकालने के लिए काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि चीन को भारत के साथ अपने संबंधों को किसी तीसरे देश के नजरिये से नहीं देखना चाहिए.

जल्द मुलाकात पर जताई सहमति
दुशान्बे में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन से इतर एक बैठक में गुरुवार को दोनों विदेश मंत्रियों ने क्षेत्र में वर्तमान हालात पर विचारों का आदान-प्रदान किया और इस बात पर सहमति जताई कि दोनों पक्षों के सैन्य व राजनयिक अधिकारियों को जल्द से जल्द फिर मुलाकात करनी चाहिए और लंबित मुद्दों के समाधान पर चर्चा करनी चाहिए.

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सभ्यताओं के टकराव के सिद्धांत का समर्थन नहीं
विदेश मंत्रालय के अनुसार, जयशंकर ने वांग यी से कहा कि भारत ने 'सभ्यताओं के टकराव के सिद्धांत' का कभी भी समर्थन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों के जरिए जो मिसाल कायम होगी, एशियाई एकजुटता उसी पर निर्भर करेगी. जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों को 'परस्पर सम्मान' आधारित संबंध स्थापित करना होगा और जिसके लिए यह आवश्यक है कि चीन, भारत के साथ अपने संबंधों को, तीसरे देशों के साथ अपने संबंधों के दृष्टिकोण से देखने से बचें.

अफगानिस्तान के हालात पर भी साझा किए विचार
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'यह भी आवश्यक है कि भारत के साथ अपने संबंधों को चीन किसी तीसरे देश के नजरिए से नहीं देखे.' बताया जाता है कि दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद वहां के घटनाक्रमों पर भी विचार साझा किए. 

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विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में शुक्रवार को कहा कि दोनों देशों के मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान हालात और वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा की. इसमें कहा गया कि जयशंकर ने रेखांकित किया कि लंबित मुद्दों के समाधान की दिशा में प्रगति करना आवश्यक है, ताकि पूर्वी लद्दाख में एलएसी के निकट अमन-चैन बहाल हो सके, क्योंकि सीमावर्ती इलाकों में ऐसा माहौल द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए एक आवश्यक आधार है.

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