पवन की ज़िंदगी का आखिर दांव भी फेल, अर्जी खारिज, अब चढ़ना ही होगा फांसी

निर्भया के अपराधी पवन का दावा कि वह दिल्ली गैंग-रेप के साल नाबालिग था, अदालत ने खारिज किया   

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 19, 2019, 09:00 PM IST
    • पवन के आखिरी दावा अदालत ने खारिज किया
    • कोर्ट ने दिया था पवन को आखिरी मौक़ा
    • पवन ने दावा किया था कि वह नाबालिग था
    • वकील पर हुआ 25 हज़ार रुपये का जुर्माना
पवन की ज़िंदगी का आखिर दांव भी फेल, अर्जी खारिज, अब चढ़ना ही होगा फांसी

नई दिल्ली. निर्भया गैंग रेप और ह्त्या मामले को इस साल दिसंबर में पूरे सात साल हो गए हैं. निर्भया के अपराधी अभी तक फांसी के फंदे से दूर हैं. पर दिल्ली की इस अदालत में भी देर तो हुई लेकिन अंधेर नहीं हुआ. अब पवन को अपनी आखिरी चाल भी नाकाम होने के बाद फांसी चढ़ना ही होगा.

कोर्ट ने दिया था पवन को आखिरी मौक़ा 

न्यायिक प्रक्रिया का पूरी तरह पालन करते हुए पवन को पटियाला हाउस कोर्ट ने अपने बचाव का आखिरी मौक़ा दिया था. उसके पास उसकी तरफ से जिरह करने के लिए कोई वकील उपलब्ध नहीं था इसलिए अदालत ने उसे वह भी मुहैया कराया.

पवन ने दावा किया था कि वह नाबालिग था

 वकील मिलने के बाद पवन ने दावा किया कि जिस वर्ष यह अपराध उसने किया था उस वर्ष वह बालिग़ नहीं हुआ था. अदालत ने इस बार कोई गलती नहीं की और उसकी अपील को सीधे सीधे नकार दिया. 

वकील पर हुआ 25 हज़ार रुपये का जुर्माना  

2019 में अचानक इतने वर्षों के बाद पवन के वकील को याद आया कि 2012 में जब निर्भया गैंगरेप हुआ था, तब पवन तो नाबालिग था. भले ही ये जानकारी उसको पवन ने दी हो लेकिन हर्जाना वकील को चुकाना पड़ा और न्यायाधीश ने उन पर 25 हज़ार रुपये का जुर्माना ठोंक दिया.  

आज नहीं होनी थी सुनवाई 

कल बुधवार 18 दिसंबर को कोर्ट ने निर्भया के अपराधी अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई तो की थी पर सुनवाई के बाद उसे खारिज भी कर दिया था. कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 
24 जनवरी की तारीख मुक़र्रर की थी. लेकिन कोर्ट ने आज सुनवाई अगले महीने करने का अपना फैसला वापस लेते हुए आज सुनवाई कर ली.

अदालत ने किया समर्थन निर्भया के मातापिता की आपत्ति का 

कल अपराधी पवन के वकील एपी सिंह ने नए दस्तावेज सौंपने के लिए कोर्ट से मुहलत देने की मांग की जिस पर  निर्भया के माता-पिता ने आपत्ति जताई. अपराधी पवन ने जो याचिका दायर की थी उसमें उसने कहा था कि उसका ओसिफिकेशन टेस्ट नहीं हुआ, इस वजह से जुवेनाइल कानून का फायदा उसको नहीं मिल पाया है. अदालत ने इसे आधारहीन मानते हुए निर्भया के माता-पिता की आपत्ति को समर्थन दिया और याचिका खारिज कर दी.

वकील पर जुर्माना भी और बार काउन्सिल की कार्रवाई भी 

जस्टिस सुरेश कुमार कैत की अदालत ने अपराधी पवन के वकील एपी सिंह को को कई बार सन्देश भिजवाया फिर भी वह अदालत में हाज़िर नहीं हुए. अदालत ने उन पर अपराधी की उम्र से जुड़ा जाली हलफनामा देने को लेकर उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोंक दिया. यही नहीं न्यायाधीश ने बार काउंसिल को वकील के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है.

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