मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने निकिता जैकब (Nikita Jacob) को 3 हफ्ते के लिए अग्रिम जमानत दे दी है. इसका मतलब ये है कि टूलकिट केस में निकिता जैकब की 3 हफ्ते तक गिरफ्तारी नहीं हो सकती है.
टूलकिट साजिश पर नया खुलासा
टूलकिट केस में निकिता जैकब को भले ही 3 हफ्ते के लिए अग्रिम जमानत मिल गई, लेकिन टूलकिट साजिश पर नया खुलासा हुआ है.
1- टूलकिट साजिश में निकिता जैकब का अहम किरदार
2- निकिता ने दिशा को साजिश में शामिल किया
3- ग्रेटा की करीबी थी दिशा, इसलिए साजिश में जोड़ा
4- ग्रेटा के नाम इस्तेमाल करना चाहती थी निकिता
5- टूलकिट को 'Comms Pack' के नाम से बुलाते थे
6- निकिता की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कई चैट, ईमेल मिले
7- PJF के ईमेल का इस्तेमाल कर रही थी निकिता जैकब
8- मो धालीवाल की करीबी पुनीत भी साज़िश में शामिल
9- निकिता जैकब और पुनीत की WhatsApp चैट मिली
10- दिल्ली पुलिस को शुभम और थिलक की तलाश
-सूत्र
अब आपको बताते हैं कि इतनी बड़ी साजिश कैसे हुई, साजिश की कड़ी कैसे तैयार हुई? चलिए आपको समझाने की कोशिश करते हैं कि साजिश की सीढ़ी में कौन-कौन लोग थे.
देखिए साजिश की सीढ़ी!
- पहला मुख्य किरदार है मो धालीवाल
- दूसरे किरदार का नाम है पुनीत
- निकिता जैकब साजिश की तीसरी सीढ़ी है
- साजिश की चौथी सीढ़ी का नाम दिशा रवि है
- पांचवीं सीढ़ी में तीन नाम हैं, शांतनु, शुभम और थिलक
- साजिश की छठी सीढ़ी का नाम है ग्रेटा थनबर्ग
टूलकिट गैंग के साजिशकर्तांओं से जुड़ा खुलासा लगातार हो रहा है. ये वो साजिशकर्ता हैं, जो देश में अस्थिरता फैलाना चाहते थे. जब दिल्ली की सड़क पर हिंसा हो रही थी तब शांतनु और दिशा रवि टूलकिट गैंग की आंख कान बने हुए थे, हालांकि शांतनु को ट्रांजिट अग्रिम जमानत मिल गई है.
दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद अब निकिता जैकब पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई थी, जिसे भी बॉम्बे हाईकोर्ट ने 3 हफ्ते की अग्रिम जमानत दे दी. टूलकिट मामले में पीटर भी पुलिस की रडार पर है.
इन सबके अलावा खालिस्तान आतंकी भजन सिंह भिंडर से भी साजिश के तार जुड़ते नजर आ रहे हैं. किसान आंदोलन के बीच दिल्ली हिंसा की अंतरराष्ट्रीय साजिश का खुलासा हुआ तो पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग डर गई थीं. ये बात दिशा रवि के साथ उनकी वॉट्सऐप चैट से खुलासा हुआ.
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6 दिसंबर से ही इंटरनेशनल साजिश!
दिशा ने कृषि बिल के विरोध में WhatsApp ग्रुप बनाया. 6 दिसंबर को ग्रुप बना, 10 लोग ग्रुप में शामिल थे. ग्रुप का नाम 'INTERNATIONAL FARMERS STRIKE' था. भारत के 'किसान आंदोलन' में INTERNATIONAL साजिश रची गई. सवाल ये है कि..
दिशा निर्दोष तो UAPA कानून से क्यों डर रही थी?
निकिता- शांतनु निर्दोष, तो सामने आने से क्यों डरे?
टूलकिट सही, तो ग्रेटा ने डरकर डिलीट क्यों किया?
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