नई दिल्लीः रविवार को देश 71वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. इससे पहले देश के अहम पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया है. इस पुरस्कार से सम्मानित होने वालों की लंबी फेहरिस्त में फिरोज खान के पिता भी शामिल हैं. वही फिरोज खान, जिनके नाम पर कुछ दिन पहले बवाल हुआ था. बवाल हुआ था बनारस हिंदू यूनिवर्सिटि (BHU) में, क्योंकि फिरोज की नियुक्ति संस्कृत निकाय में हुई थी. गणतंत्र दिवस से पहले शनिवार को पद्म पुरस्कारों का ऐलान हुआ, जिसमें राजस्थान के भजन गायक रमजान खान उर्फ मुन्ना मास्टर को पद्मश्री से नवाजा गया है.
कृष्ण भजनों के लिए हैं मशहूर
प्रोफेसर फिरोज खान के पिता मुन्ना मास्टर जयपुर के रहने वाले हैं. वे भगवान श्रीकृष्ण और गाय पर भक्ति गीत के लिए मशहूर हैं. 61 साल के मुन्ना मास्टर जयपुर के बगरू के रहने वाले हैं. उन्होंने श्री श्याम सुरभि वंदना नाम से किताब भी लिखी है. वह संस्कृत का भी अच्छा ज्ञान रखते हैं. बेटे के संस्कृत निकाय में नियुक्ति पर विवाद से वह दुखी हुए थे, लेकिन उनके खास कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित किया जा रहा है. उनके भजन गंगा-जमुनी तहजीब की पहचान हैं.
118 हस्तियों को पद्मश्री
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया, जिसमें पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है. इसके अलावा मनोहर पर्रिकर और पीवी सिंधु समेत 16 हस्तियों को पद्म भूषण से नवाजा गया है. इसके अलावा 118 हस्तियों को पद्म श्री देने का ऐलान किया गया है, जिसमें मुन्ना मास्टर का भी नाम है.
फिरोज की नियुक्ति पर हुआ था बवाल
मुन्ना मास्टर के बेटे फिरोज का बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय के साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति की गई थी, इसके बाद छात्रों ने उनकी नियुक्ति का विरोध करना शुरू कर दिया और 7 नवंबर से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए थे. यह विरोध-प्रदर्शन करीब एक महीना चला था. छात्रों का कहना था कि एक गैर-हिंदू शिक्षक संस्कृत संकाय में धार्मिक अनुष्ठान नहीं सिखा सकता. वह अन्य संस्कृत विभाग में भाषा तो पढ़ा सकता है, लेकिन धार्मिक अनुष्ठान नहीं सिखा सकता. इसके बाद फिरोज खान ने पद से इस्तीफा दे दिया और संस्कृत विभाग के कला संकाय में जॉइन कर लिया.