नई दिल्लीः नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठी बैठक शनिवार को हुई है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी अध्यक्षता की. बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भारत के विकास की नींव यह है कि केंद्र और राज्य एक साथ काम करते हैं और एक निश्चित दिशा की ओर बढ़ते हैं और सहकारी संघवाद को और अधिक सार्थक बनाते हैं. उन्होंने कहा कि हमें न केवल राज्यों बल्कि जिलों में भी प्रतिस्पर्धी, सहकारी संघवाद लाने की कोशिश करनी होगी.
Foundation of India's development is that Centre & States work together and head towards a certain direction & make cooperative federalism even more meaningful. Not only this, we have to try to bring competitive, cooperative federalism not only among states but also districts: PM pic.twitter.com/XhlTfdi1PJ
— ANI (@ANI) February 20, 2021
शनिवार को हुई बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शामिल नहीं हुई हैं.
In the COVID period we saw how Centre and States worked together, the nation succeeded and a good image of India was built before the entire world. Today, when we are going to complete 75 years of independence, this Governing Council meet becomes even more significant: PM Modi pic.twitter.com/9M8UjmBxII
— ANI (@ANI) February 20, 2021
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पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
- बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हमने कोरोना काल के दौरान यह देखा है कि कैसे केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर कोरोना के साथ लड़ाई लड़ी और मुहीम को सफल बनाने में योगदान दिया. इससे पूरे विश्व में भारत की छवि सकारात्मक बनी हुई है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि केंद्र और सभी राज्यों को मिलकर काम करने की जरूरत है
- सहकारी संघवाद पर PM Modi बोले कि 'सहाकारी संघवाद को अधिक सार्थक बनाना होगा और इसे न केवल राज्यों बल्कि जिला स्तर तक ले जाना होगा. ताकि स्पर्धा निरंतर चलता रहे और विकास हो सके. बात दें कि नीति आयोग की इस बैठक का एजेंडा कृषि, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, मानव संसाधन विकास, निर्यात, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि है. जिस पर केंद्र सरकार राज्यों के साथ चर्चा करेगी.
- उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान, एक ऐसे भारत का निर्माण का रास्ता है जो अपनी आवश्यकताओं के ही साथ दुनिया के लिए भी उत्पादन करे. हम ये भी देख रहे हैं कि कैसे देश का प्राइवेट सेक्टर, देश की इस विकास यात्रा में और ज्यादा उत्साह से आगे आ रहा है. सरकार के नाते हमें इस उत्साह का, प्राइवेट सेक्टर की ऊर्जा का सम्मान भी करना है और उसे आत्मनिर्भर भारत अभियान में उतना ही अवसर भी देना है.
- बीते वर्षों में कृषि से लेकर, पशुपालन और मत्स्यपालन तक एक होलिस्टिक अप्रोच अपनाई गई है. इसका परिणाम है कि कोरोना के दौर में भी देश के कृषि निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है.
- पीएम मोदी ने हाल ही में जारी Union Budget 2021 पर भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि बजट पर जैसा पॉजिटिव रिस्पॉन्स आया है, उसने जता दिया है कि मूड ऑफ द नेशन क्या है. देश मन बना चुका कि उसे तेजी से आगे बढ़ना है, वह समय नहीं नष्ट करना चाहता है.
- भारत के व्यवसायों के लिए हमें प्रयास करना चाहिए और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाना चाहिए. यह हमें वैश्विक अवसरों को हासिल करने में मदद करेगा. भारत के नागरिकों के लिए हमें कोशिश करनी चाहिए. यह भारतीयों की आकांक्षाओं को प्राप्त करने और उनके जीवन को बेहतर बनाने में हमारी मदद करेगा.
- हमें निवेश के सभी स्रोतों को इस क्षेत्र से जोड़ना होगा. भारत दक्षिण पूर्व एशिया में एक रॉ (कच्ची) मछली का निर्यातक है. क्या हम बड़े पैमाने पर प्रसंस्कृत मछली उत्पादों का निर्यात नहीं कर सकते हैं?
- Covid-19 के दौरान भी, भारत ने कृषि क्षेत्र में निर्यात में वृद्धि देखी. हमारे पास इस क्षेत्र में बहुत अधिक अप्रयुक्त क्षमता है. हमारे उत्पादों का अपव्यय यथासंभव कम होना चाहिए और हमें भंडारण और प्रसंस्करण पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस साल का बजट बुनियादी ढांचे के लिए दिया गया फंड भारत की अर्थव्यवस्था में मदद करेगा और रोजगार के बहुत सारे अवसर पैदा करेगा. इसका गुणक प्रभाव होगा.
- केंद्र और राज्य के बीच नीतिगत ढांचा और सहयोग भी बहुत महत्वपूर्ण है. तटीय (कोस्टल) राज्य इसका एक अच्छा उदाहरण हैं. ब्लू (समुद्र) अर्थव्यवस्था के निर्यात में असीमित अवसर हैं. हमारे तटीय राज्यों को इसके लिए अतिरिक्त पहल क्यों नहीं करनी चाहिए?
- नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में राज्यों की हिस्सेदारी 40% है और इस प्रकार, राज्यों और केंद्र को अपने बजट को सिंक्रोनाइज करना चाहिए और प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए. केंद्र सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स के लिए PLI स्कीम्स शुरू की हैं. ये देश में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने का बेहतरीन अवसर है. राज्यों को भी इस स्कीम का पूरा लाभ उठाना चाहिए.
In past few yrs, we saw that opening of bank accounts, increase in vaccination & health facilities, free electricity connection, free gas connection to empower the poor has reflected a phenomenal change in their lives: PM Modi chairs 6th meeting of Governing Council of NITI Aayog pic.twitter.com/NHJP3jZsMe
— ANI (@ANI) February 20, 2021
अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम को शुभकामनाएं
बैठक से पहले पीएम मोदी ने अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के लोगों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दीं. उन्होंने उनकी संस्कृति और परंपराओं की सराहना भी की.
21 फरवरी 1987 को दो नए राज्य मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश का अस्तित्व सामने आया था. ये दोनों भारत के 23वें और 24वें राज्य बने थे. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर दोनों राज्यों की प्रगति की कामना की.
Greetings to the wonderful people of Arunachal Pradesh on the special occasion of their Statehood Day. The people of this state are known for their culture, courage and strong commitment to India’s development. May Arunachal Pradesh keep scaling new heights of progress.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 20, 2021
मिजोरम को शुभकामनाएं देते हुए प्रधानमंत्री ने लिखा, 'मिजोरम के मेरी बहनों और भाइयों को उनके राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं. पूरे देश को महान मिजो संस्कृति पर गर्व है.
मिजोरम के लोगों को प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने, अपनी दयालुता और प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है. मैं राज्य की निरंतर वृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं.'
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