नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा संघर्ष पर अब भारत को क्या करना चाहिए, ये वाकई बहुत बड़ा सवाल है. हर कोई इसी सवाल का जवाब तलाश रहा है. इस बीच पीएम मोदी ने चमगादड़ चीन को दो टूक चेतावनी दे दी है. लेकिन चीन का झूठा चरिक्र फिर सामने आ रहा है.
चीन के सरकारी अखबार के खोखले दावे
चीन को उसकी औकात दिखाई जानी जरूरी है. क्योंकि वो एक तो चोरी करता है उपर से सीनाजोरी भी करता है. अब आप ये समझ लीजिए कि कैसे चीन झूठ बोल रहा है. चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स का दावा है. जिसमें सीधे-सीधे 5 झूठ का सहारा लिया गया है.
हिंसक झड़प पर चीन के 5 झूठ
पहला झूठ- भारतीय सैनिकों ने LAC पार की
सच क्या- चीन ने घुसपैठ की
भारतीय सैनिकों ने LAC पार की जबकि सच ये है कि चीन ने भारतीय सीमा में घुसपैठ की
दूसरा झूठ- भारतीय सेना ने हमला किया
सच क्या- चीन की सेना ने घात लगाकर वार किया
चीन का दूसरा झूठ ये है कि भारतीय सेना ने हमला किया जबकि सच ये है कि चीन की सेना ने घात लगाकर भारतीय सेना पर हमला किया
तीसरा झूठ- भारत ने आपसी सहमति तोड़ी
सच क्या- भारत बातचीत के लिए चीन की सीमा में गया
चीन का तीसरा झूठ समझिए. चीन का सरकारी समाचार पत्र कह रहा है कि भारत और चीन के बीच आपसी सहमति जो बन रही थी उसे भारत ने तोड़ दिया. जबकि सच तो ये है कि भारत शुरू से बातचीत से विवाद सुलझाना चाहता है और परसों रात भी भारतीय सेना बातचीत के लिए ही गई थी.
चौथा झूठ- चीन की सीमा में निर्माण कार्य
सच क्या- भारत ने अपनी सीमा में निर्माण कार्य किया
चीन का चौथा झूठ है कि वो लगातार ये दावा कर रहा है कि चीन की सीमा में भारत निर्माण कार्य कर रहा है. लेकिन हकीकत तो ये है कि भारत अपनी सीमा में ही निर्माण कार्य कर रहा है. भारत कभी भी अपनी सीमा नहीं लांघता है.
पांचवा झूठ- भारत विवाद बढ़ा रहा है
सच क्या- विवाद बढ़ाने के लिए चीन जिम्मेदार
पांचवा बड़ा झूठ जो चीन बोल रहा है वो ये कि भारत विवाद बढ़ा रहा है. जबकि दुनिया जानती है कि विवाद बढ़ाने के लिए चीन जिम्मेदार है भारत नहीं. लेकिन बार-बार चीन सिर्फ झूठ और फरेब का ही सहारा लेता है.
पीएम मोदी ने लगाई दहाड़
चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद सैनिकों को पीएम मोदी ने मौन श्रद्धांजलि दी है. वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने दो टूक शब्दों में चीन को चेताते हुए साफ-साफ कहा है कि "व्यर्थ नहीं जाएगा बलिदान, मुंहतोड़ जवाब देंगे" पीएम मोदी का ये वादा यूं ही नहीं है.
आपको बताते हैं कि आखिर सरकार इस मामले में इस वक्त क्या कर रही है. चीन विवाद मामले पर रक्षा मंत्रालय में चल रही बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है. बैठक के बाद राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया.
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उन्होंने लिखा कि "राष्ट्र अपने सैनिकों की बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. इस कठिन समय पूरा देश शहीदों के परिवारवालों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा है. हमें अपने वीरों के शौर्य और साहस पर गर्व है."
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