नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान नहीं रहे. गुरुवार को दिल्ली के एम्स में उनका निधन हो गया. वह कई दिनों से बीमार थे. उनके निधन की जानकारी उनके बेटे चिराग पासवान ने ट्वीट करके दी है.
Union Minister and LJP leader Ram Vilas Paswan passes away, tweets his son Chirag Paswan. pic.twitter.com/YQi5oNHz8Q
— ANI (@ANI) October 8, 2020
चिराग पासवान ने अपने ट्वीट में लिखा है, पा....अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं। Miss you Papa... चिराग पासवान ने इसके साथ ही एक बेहद ही भावुक तस्वीर भी पोस्ट की है.
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच रामविलास का निधन एलजेपी के लिए बड़ा झटका है. उनका इलाज अस्पाल में चल रहा था वह आईसीयू में भर्ती थे. केंद्रीय मंत्री के निधन के बाद सियासी गलियारों में शोक है. लोग उनके निधन पर दुख जता रहे हैं.
कहा जाता था राजनीति का मौसम वैज्ञानिक
रामविलास पासवान लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने राजनीति में एक लंबा समय बिताया है. रामविलास पासवान वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी इन सभी प्रधानमंत्रियों के ‘कैबिनेट’ में अपनी जगह बनाने वाले शायद एकमात्र व्यक्ति थे.
केंद्र की अधिकतर सरकारों में मंत्री रहे पासवान ने कई सरकारों में अहम भूमिका भी निभाई थी. उन्हें राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कहा जाता था.
जब गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम
साल था 1977, देश में लोक सभा चुनाव थे. उस चुनाव में राम विलास पासवान ने जनता पार्टी के टिकट पर हाजीपुर की सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को सवा चार लाख से ज़्यादा मतों से हराकर पहली बार लोकसभा में पैर रखा था. सब कुछ एक तरफ पासवान की जीत एक तरफ, दरअसल, खबर बनी कि बिहार की एक सीट पर किसी नेता ने इतने ज़्यादा अंतर से चुनाव जीता कि उसका नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल हो गया.
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