गंभीर मुद्दों पर सियासत कांग्रेस का चरित्र? अब चीन-भारत सीमा विवाद पर उठाए सवाल

हर गंभीर मसले पर सियासी दुकान सजाना कांग्रेस की फितरत बन चुकी है. कांग्रेस के ऐसे चरित्र से उसकी नीयत को समझना आसान हो जाता है. क्योंकि देश की सुरक्षा से जुड़े मसले और चीन-भारत विवाद को कांग्रेस ने राजनीतिक रंग देने की कोशिश करते हुए सवाल उठाए हैं..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 2, 2020, 01:22 AM IST
    • कांग्रेस का असल चेहरा बेनकाब
    • गंदी सियासत बना असली चरित्र
    • भारत-चीन सीमा विवाद पर सवाल
    • गंभीर मुद्दे पर सियासत कांग्रेसी नीयत
गंभीर मुद्दों पर सियासत कांग्रेस का चरित्र? अब चीन-भारत सीमा विवाद पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: कोरोना काल में 'चमगादड़ चीन' अपनी नापाक करतूतों को अंजाम देने से बाज नहीं आ रहा है. बार-बार वो सीमा पर ऐसी हरकतों को अंजाम  दे रहा है, जिससे भारत की सब्र का बांध टूट रहा है. वहीं इस बीच चीन के साथ विवाद पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं..

भारत-चीन सीमा विवाद पर कांग्रेस के सियासी सवाल

एक तरफ बॉर्डर पर बिगड़ते हालात को देखते हुए हर कोई अलर्ट है, गरमा-गरमी बढ़ रही है. वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस सीमा विवाद के मुद्दे को भी सियासी रंग देने की कोशिश की है. कांग्रेस ने कहा कि भारतीय सीमा में चीनी सेना के घुसपैठ पर सरकार चुप क्यों बैठी है.

रणदीप सुरजेवाला ने कहा, देश की चिंताओं के बारे में मोदी सरकार स्थिति स्पष्ट करे

रणदीप सुरजेवाला ने पूछा, क्या चीनी सेनाओं ने लद्दाख में ‘गलवान नदी वैली’, ‘पांगोंग लेक’ के हमारे इलाकों पर कब्जा कर लिया?

रणदीप सुरजेवाला ने पूछा, क्या ये सही है कि पांगोंग लेक के पास ‘फिंगर हाईट्स’ फिलहाल चीनी सेना के कब्जे में है?

रणदीप सुरजेवाला ने कहा, मोदी सरकार ने LAC के हालात पर देश के साथ विवरण साझा क्यों नहीं किया?

चीनी सेना द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ के दुस्साहस पर क्यों मौन बैठी है मोदी सरकार?’’ भारत की ‘सुरक्षा व क्षेत्रीय अखंडता’ से कोई समझौता स्वीकार नहीं किया जा सकता.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि "चीनी सेना द्वारा लद्दाख और सिक्किम में 3 स्थानों पर भारतीय सीमा में घुसपैठ, लगातार समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी हैं. तथाकथित तौर पर ये घुसपैठ लद्दाख में गलवान नदी वैली और पैंगोंग सो झील के इलाके में हुई है. खबरों की माने तो चीनी सेना के हजारों सैनिकों ने गलवान रिवर वैली और पैंगोंग लेख में घुसपैठ कर हमारी भू-भागीय अखंडता टेरिटोरियल इंटीग्रिटी पर अतिक्रमण पर अतिक्रमण का दुस्साहस किया गया है."

ऐसे गंभीर मुद्दे पर सियासत कांग्रेस का चरित्र

ऐसा पहली दफा नहीं हुआ है, जब देश ऐसे गंभीर स्थिति में मजबूती के साथ खड़ा है और कांग्रेस पार्टी सियासी मैदान में उतर गई हो. ऐसे हर मौके पर कांग्रेस पार्टी के नेता मामले पर सियासत करने को तैयार बैठे रहते हैं. सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, उरी अटैक या फिर पुलवामा हमला हर गंभीर मामले को सियासी रंग देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने ठेका लिया था.

रणदीप सुरजेवाला ने कांग्रेस पार्टी का संदेश जारी करते हुए ये कहा कि "भारत और चीन की सीमा पर जो स्थिति बनी है, उसको लेकर पूरे देश में चिंता है, एंज़ाइटी है. और उसे लेकर एक महत्वपूर्ण वक्तव्य को लेकर मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से उपस्थित हूं." लेकिन कांग्रेसी नेताओं की करतूत किसी से छिपी नहीं है. किसी भी ऐसे मसले को कांग्रेस हाथ से जाने नहीं देना चाहती, जिसपर सियासी दुकान सजाई जा सके.

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आपको याद दिला दें, राफेल पर कांग्रेस की नौटंकी किसी से छिपी नहीं है, जब राहुल गांधी ने छाती पीट-पीटकर दुनिया भर में भारत के रक्षा से जुड़े मामले की नुमाइश कर दी थी. लेकिन इस मसले का परिणाम क्या हुआ, इसे हर किसी ने देखा. अब लॉकडाउन में कुछ नहीं मिल रहा तो कांग्रेस ने चीन और भारत के बीच तनातनी को ही अपना हथियार बनाने का फैसला कर लिया.

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