नई दिल्लीः अधिकमास (Adhik maas 2020) अब समाप्त हो चुका है. शुक्रवार को इसका अंतिम दिन है. इसके बाद 17 अक्टूबर 2020 (यानी कल शनिवार) से शारदीय नवरात्र (Navratri 2020) का शुभ आरंभ होगा. आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होने जा रहे नवरात्रों में देवा मां अम्बा के नौ स्वरूपों की पूजा होगी.
नवरात्रि का हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों को समर्पित होता है. Corona काल में मां का पूजन ही सकारात्मक सोच के बढ़ावा दे सकता है.
ऐसे करें घट स्थापना
मां के आगमन पर कलश घट स्थापना के साथ उनका पूजन प्रारंभ हो जाएगा. कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 17 अक्टूबर 2020 को सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर है. यदि किसी इस समय घटस्थापना नहीं कर पाते हैं तो सुबह 11 बजकर 02 मिनट से 11 बजकर 49 मिनट के बीच भी इसे कर सकते हैं.
कलश माता के विराजित होने का आत्म प्रतीक है. घर की उत्तर-पूर्व दिशा में ही घटस्थापना करें. चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और कुमकुम से एक स्वास्तिक जरूर बनाएं. इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित करें. अखंड ज्योति जगाएं और घटस्थापना कर लें.
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आज ही खरीद लें पूजन सामग्री
कल शनिवार है. इस दिन कई सामग्रियों का खरीदना निषेध होता है. जैसे, तैल-घी आदि शनिवार को नहीं खरीदे जाते हैं. ऐसे में आज शुक्रवार को ही देवी पूजा से संबंधित सामग्रियों की खरीदारी कर लें. इनमें लाल रंग की गोटेदार चुनरी, लाल रेशमी चूड़ियां, सिन्दूर, आम के पत्ते भी ले लीजिए.
इसके साथ ही लाल वस्त्र, लंबी बत्ती के लिए रुई या बत्ती, धूप, अगरबत्ती, माचिस, चौकी, चौकी के लिए लाल कपड़ा, नारियल, कलश, साफ चावल, कुमकुम, मौली, शृंगार का सामान, दीपक, घी/तेल, फूल, फूलों का हार, पान, सुपारी, लाल झंडा, लौंग, इलायची, बताशे या मिसरी, कपूर, उपले, फल/मिठाई, देवी की प्रतिमा या फोटो, कलावा, मेवे आदि शामिल हैं.
ऐसे जलाएं अखंड ज्योति
अखंड ज्योति जलाने के लिए पीतल या मिट्टी का दीपक रख लें. जोत के लिए रूई की बत्ती, रोली या सिंदूर, चावल जरूर रखें. हवन के बिना मां की पूजा अधूरी मानी जाती है. इसके लिए हवन कुंड, लौंग का जोड़ा, कपूर, सुपारी, गुगुल, घी, पांच मेवा और अक्षत भी रख लें.
मां दुर्गा को खाली चुनरी कभी ना चढ़ाएं. चुनरी के साथ सिंदूर, नारियल, पंचमेवा, मिष्ठान, फल, सुहाग का सामान चढ़ाने से मां खुश होती हैं और आर्शीवाद देती है. मां दुर्गा की चूड़ी, बिछिया, सिंदूर, महावर, बिंदी, काजल चढ़ाना चाहिए.
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