Sourav Ganguly on Virat kohli Rohit Sharma: यूएई में खेले गये टी20 विश्वकप के बाद जब भारतीय टीम में बदलाव का दौर शुरू हुआ तो महज 2 महीने के अंदर ही विराट कोहली ने खेल के हर प्रारूप की कप्तानी को अलविदा कह दिया. इसके बाद कई लोगों ने इसे बीसीसीआई की ओर से बनाये गये दबाव का नतीजा बताया तो कई लोगों का मानना है कि यह रोहित शर्मा को कमान सौंपने का सही समय था. उल्लेखनीय है कि विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने कई ऐतिहासिक जीत हासिल की लेकिन आईसीसी टूर्नामेंट के नॉकआउट मैचों में उसे हर बार शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.
रोहित के बचाव में उतरे गांगुली
इसके चलते भारतीय टीम 2013 से चले आ रहे अपने खिताबी सूखे को मिटा पाने में नाकाम रही है. इस बीच भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बुधवार को विराट कोहली की कप्तानी छोड़ने को लेकर पहली बार चुप्पी तोड़ी और रोहित शर्मा की कप्तानी पर भी बयान दिया.
सौरव गांगुली ने रोहित शर्मा को धैर्य से काम लेने वाला कप्तान बताते हुए कहा कि हिटमैन को इंटरनेशनल क्रिकेट में मनचाहे रिजल्ट देने के लिये अभी कुछ समय देना चाहिये. उल्लेखनीय है कि विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा को तीनों प्रारूप के नियमित कप्तान के रूप में नियुक्त किया लेकिन चोट, कोविड और वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते अब तक 7 अलग-अलग कप्तान का इस्तेमाल किया जा चुका है जिसको लेकर कई बार सवाल उठाये गये हैं.
कोहली की कप्तानी पर भी तोड़ी चुप्पी
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने आईपीएल में सबसे ज्यादा बार खिताब जीतने वाले इस कप्तान पर भरोसा रखने की अपील करते हुए कहा कि अगर आप उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के साथ करना चाहते हैं तो उसके लिये उन्हें पर्याप्त समय भी देना चाहिये.
गांगुली ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘ साफ तौर पर रोहित शर्मा शांत नेचर वाले खिलाड़ी हैं जो चीजों को बहुत धैर्यपूर्ण और सतर्क तरीके से लेते हैं, न कि कोई ऐसा जो काफी आक्रामक हो. भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ महान कप्तान दिए हैं। धोनी जिन्होंने बदलाव के दौर को शानदार तरीके से संभाला और केवल भारत के लिए नहीं बल्कि अपनी फ्रेंचाइजी (चेन्नई सुपर किंग्स) के लिए भी सफलता हासिल की'
सौरव गांगुली ने आगे बात करते हुए कोहली की कप्तानी शैली पर भी बात की और कहा कि जब वो आये तो उन्होंने भी कमाल करते हुए शानदार रिकॉर्ड बनाये. वह एक अलग तरह के कप्तान थे और उनके चीजों को करने का तरीका अलग था. हर व्यक्ति अलग होता है लेकिन जो मायने रखता है वह परिणाम है और आपके पास कितनी जीत और हार हैं. मैं कप्तानों की तुलना नहीं करता, हर किसी का नेतृत्व करने का अपना तरीका होता है.
क्या 2003 विश्वकप के फैसले पर है मलाल
इस मौके पर जब गांगुली से 2003 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले गेंदबाजी करने के फैसले को लेकर भी सवाल किया गया कि क्या उन्हें अपने फैसले पर मलाल है. उल्लेखनीय है कि इस मैच में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए दो विकेट पर 359 रन बनाए और भारत को 125 रन के विशाल अंतर से हराकर लगातार दूसरा विश्व कप खिताब जीतने का कारनामा किया.
गांगुली ने कहा, ‘मैं पीछे मुड़कर नहीं देखता. मैं निराश था कि मैं फाइनल हार गया लेकिन मुझे नहीं लगता कि टॉस फाइनल हारने का कारण था. हम अच्छा नहीं खेले.’
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