कानपुर: टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले तीसरे गेंदबाज बने ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने खुलासा किया कि उन्हें डर था कि पिछले साल कोरोना महामारी के कारण उपजी परिस्थितियों के बीच उनका करियर खत्म हो जाएगा.
‘दोराहे पर था मेरा करियर’
उन्होंने कहा कि पिछले साल की शुरुआत में भारतीय टीम के न्यूजीलैंड दौरे के बाद उनका करियर दोराहे पर था. बीसीसीआई की वेबसाइट के लिए अपने साथी खिलाड़ी श्रेयस अय्यर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो कोरोना महामारी और लॉकडाउन के बीच मेरे जीवन और मेरे करियर में पिछले कुछ साल से जो कुछ हो रहा था, मुझे पता नहीं था कि टेस्ट क्रिकेट फिर खेलूंगा या नहीं.’
उन्होंने कहा, ‘मैंने क्राइस्टचर्च में 29 फरवरी 2020 से शुरू हुआ आखिरी टेस्ट नहीं खेला था. मैं दोराहे पर था कि दोबारा टेस्ट खेल सकूंगा या नहीं. मेरा भविष्य क्या है. क्या मुझे टेस्ट टीम में जगह मिलेगी, क्योंकि मैं वही प्रारूप खेल रहा था. ईश्वर दयालु है और अब हालात बिल्कुल बदल गए.’
अश्विन ने कहा, ‘मैं दिल्ली कैपिटल्स टीम में आया और जब तुम (श्रेयस) कप्तान थे तभी से हालात बदलने लगे.’ इसके बाद अश्विन को मदद मिली. अश्विन का पूरा परिवार मई में कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया था. उन्हें इस वजह से आईपीएल छोड़ना पड़ा था.
‘हरभजन ने ऑफ स्पिनर बनने के लिए किया प्रेरित’
उन्होंने कहा कि हरभजन ने उन्हें ऑफ स्पिन गेंदबाजी के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में हरभजन के प्रदर्शन को देखकर ही वह ऑफ स्पिनर बनने की ओर प्रेरित हुए थे. उन्होंने कहा, ‘उनसे प्रेरणा लेकर मैंने ऑफ स्पिन गेंदबाजी शुरू की और आज यहां तक पहुंचा. धन्यवाद भज्जी पा मुझे प्रेरित करने के लिए. यह शानदार उपलब्धि है. मेरे लिए यह गर्व की बात है कि मैंने इसी मैदान पर 200वां विकेट लिया था और इसी मैदान पर हरभजन को पीछे छोड़ा.’
न्यूजीलैंड के खिलाफ पहला टेस्ट ड्रॉ रहने के बारे में उन्होंने कहा, ‘अभी भरोसा नहीं हो रहा है कि हम जीत के इतने करीब पहुंचकर भी जीत नहीं सके. मेरे लिए यह पचा पाना मुश्किल है.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा जमैका में भी एक बार हुआ था. आखिरी दिन हम जीत की कोशिश में थे, लेकिन जीत नहीं सके थे. आखिरी पारी में गेंदबाजी करने के कारण मुझे इससे उबरने में अधिक समय लगेगा.’
बता दें कि 35 वर्षीय इस स्पिन गेंदबाज ने अपने 80वें टेस्ट में 419वां विकेट लेकर हरभजन सिंह (103 टेस्ट में 417 विकेट) को पछाड़ दिया। अश्विन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में यह उपलब्धि हासिल की थी.
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