नई दिल्ली: पूरी दुनिया को जिस कोरोना नाम के वायरस ने डराया, परेशान किया, खौफ में जीने को मजबूर किया. उस कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ भारत में युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि पूरी दुनिया में कहीं सबसे ज्यादा सस्ती वैक्सीन (Corona Vaccine) है, तो वह देश भारत ही है.
वैक्सीन सप्लाई में भारत है ग्लोबल लीडर
कोरोना वायरस (Corona Virus) का खात्मा करने वाली वैक्सीन के खिलाफ अफवाह फैलाई जा रही है. अफवाह को देशवासियों ने हराने का संकल्प ले लिया है, कोरोना के खिलाफ लड़ाई को भारत (India) देश 'मेड इन इंडिया' (Made In India) वैक्सीन की बदौलत जीतेगा. अब सवाल है वैक्सीन (Vaccine) की कीमत क्या होगी? सरकार के लिए और आपके लिए वैक्सीन की कीमत में कितना अंतर है. वैक्सीन सप्लाई में भारत है ग्लोबल लीडर बनने जा रहा है. दरअसल, भारतीय वैक्सीन 188 देशों निर्यात में होती है. आपको वैक्सीन की कीमत से जुड़ी सारी जानकारी दे देते हैं.
भारत की दाम में कम और काम में दम वाली वैक्सीन के बारे में आपको जानना चाहिए.
वैक्सीन की कीमत क्या होगी?
वैक्सीन सरकार के लिए आपके लिए
कोविशील्ड 200 रुपये/डोज 1000 रुपये/डोज
कोवैक्सीन 206 रुपये/डोज 1000 रुपये/डोज
भारत की दो वैक्सीन है और ये दोनों वैक्सीन.. दुनिया की सबसे सस्ती और सुरक्षित वैक्सीन है. सरकार को कोवीशील्ड वैक्सीन (Covishiled) 200 रुपये में और कोवैक्सीन 206 रुपये में मिल रही है, लेकिन अगर आप वैक्सीन लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको 1000 रुपये देने होंगे. दोनों वैक्सीन की कीमत आम लोगों के लिए 1000 रुपये रखी गई है.
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सरकार ने भारत बायोटेक वैक्सीन का 55 लाख डोज खरीदा है. भारत बॉयोटेक ने 16 लाख 50 हजार डोज दान भी दिया है. कोविशील्ड वैक्सीन (Covishiled Vaccine) की कीमत 200 रुपये प्रति डोज है. वहीं भारत बायोटेक की वैक्सीन की कीमत 206 रुपये प्रति डोज है. भारत सरकार नें 1 करोड़ 10 लाख कोविशील्ड का आर्डर दिया है. ये वैक्सीन देश के कई हिस्सों में पहुंच चुकी है और लगातार पहुंचाई जा रही हैं.
हालांकि इस समय आप वैक्सीन नहीं खरीद सकते. अब आपको बताते हैं कि भारत में बनी वैक्सीन दुनिया की सबसे सस्ती वैक्सीन कैसे है?
फाइजर वैक्सीन (Pfizer-vaccine) के प्रति डोज का दाम 1400 रुपये से अधिक है. दो डोज की कीमत 2800 से उपर है, अभी इसमें उपरी खर्चे नहीं जोड़े हैं वहीं मॉडेर्ना 2300 से 2700 रुपये प्रति डोज पड़ेगी. सिनो फार्म 5650 रुपये प्रति डोज पड़ेगी. स्पुतनिक रूस में 734 रुपये प्रति डोज है.
यानी दुनिया में जितनी भी वैक्सीन अब तक बनी हैं. उनकी कीमत भारत में बनी वैक्सीन से तीन से 14 गुना तक अधिक है.
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कुल मिलाकर देश कोरोना (Corona) के स्वदेशी समाधान के लिए पूरी तरह से तैयार है. कोवैक्सीन और कोविशील्ड के अलावा जाइडस कैडिला की वैक्सीन के परीक्षण का तीसरा चरण भी जारी है. यानी आने वाले वक्त में भारत के पास कुछ और स्वदेशी वैक्सीन होंगी.
‘अफवाह गैंग’ से सावधान!
वैक्सीन पर दुष्प्रचार से देश के डॉक्टर नाराज हैं. 49 डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने ओपन लेटर लिखा. कोरोना वैक्सीन पर अफवाह फैलाने पर आपत्ति जताई. चिट्ठी में लिखा गया कि 'देश के वैज्ञानिकों की क्षमता पर क्यों उठा रहे हैं सवाल? अपने फायदे के लिए वैक्सीन के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं. कोविशील्ड का दुनिया के कई देशों में परीक्षण हो चुका है. भारतीय कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित और कारगर है. कोरोना वैक्सीन पर दुष्प्रचार से भारत को नुकसान होगा.'
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