नई दिल्ली: देश में बीते कई दिनों से पेट्रोल और डीजल के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ है. लेकिन ऐसा हो सकता है कि जल्द ही हमें पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़त देखने को मिले. रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का प्रभाव सीधे तौर पर कच्चे तेल की कीमतों पर देखने को मिल रहा है. बीते 10 दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में बड़ा इजाफा देखने को मिला है. कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बीच अभी भारत पेट्रोल-डीजल के रिजर्व भंडारण का उपयोग कर रहा है. लेकिन लंबे समय तक भारत अपने रिजर्व बह्नादार्ण पर निर्भर नहीं रहा सकता है, लिहाजा हमें पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी बढ़त देखने को मिल सकती है.
कच्चे तेल की कीमतों में हुआ बड़ा इजाफा
कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में बीते 10 सालों के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. आज अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 115.7 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है.
रूस और यूक्रेन के बीच शुरू हुए युद्ध के बाद से कच्चे तेल की कीमत में 20 डॉलर प्रति बैरल की बढ़त देखने को मिली है. युद्ध शुरू होने से पहले कच्चे तेल की कीमत 95 डॉलर प्रति बैरल थी.
इससे पहले नवंबर, 2021 में भारत में कच्चे तेल की कीमत 81.5 डॉलर प्रति बैरल थी, जिसके बाद से इसमें कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला था.
भारत में लंबे समय से स्थिर है पेट्रोल की कीमत
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है, लेकिन इसके बीच भी भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार स्थिर बनी हुई हैं.
देश में बीते 100 दिनों से भी अधिक के समय से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें जब 80 डॉलर प्रति बैरल थीं, तब पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगने वाले टैक्स में कटौती की गई थी.
आज बाजार में कच्चे तेल की कीमत 115.7 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है. इस लिहाज से ऐसी संभावना अधिक है कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ा बदलाव कर सकती है.
यह भी पढ़िए: Indian Railway: टिकट के दाम से नहीं, स्टेशन के नाम से कमाई करेगा रेलवे, किया अनोखा प्रयोग
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.